jail
Representative Image

Loading

श्रावस्ती (उप्र). दलित युवती से छेड़छाड़ के आरोपी युवक की शुक्रवार को पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और शनिवार शाम एक उपनिरीक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या, घूसखोरी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने शनिवार को बताया कि गिलौला थाना क्षेत्र के दर्जीपुरवा गांव निवासी वाजिद अली (22) के खिलाफ पिछले माह एक युवती से छेड़छाड़ और एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले में पूछताछ के लिए उसे हिरासत में लिया गया था।

शुक्रवार को थाने की हवालात में स्थित शौचालय में आरोपी गमछे से लटकता मिला। उसे इलाज के लिए स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। हालत नाजुक होने के चलते उसे बहराइच जिला अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि मृतक के पिता ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पुत्र को दो- तीन दिन से थाने में अवैध हिरासत में रखा गया था। पिता ने पुलिस पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए हैं।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले में शनिवार शाम उपनिरीक्षक जयप्रकाश सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की तीव्र गति से जांच चल रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि थाना प्रभारी विनोद कुमार, तीन उपनिरीक्षकों और दो अन्य पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। मृतक के पिता मोहम्मद उमर की तहरीर पर थाना प्रभारी और दो अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या, भ्रष्टाचार और अवैध रूप से हिरासत में रखने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा विवेचना व विभागीय जांच कराई जा रही है।

जिलाधिकारी ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। मामले में निष्पक्ष जांच होगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि “अन्य आरोपी पुलिसकर्मियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।” घटना को लेकर मृतक के परिजन व ग्रामीण थाना परिसर के बाहर शुक्रवार को काफी देर तक हंगामा करते रहे। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यवाही के आश्वासन पर लोग शांत हुए। उधर, मृतक के भाई ने पत्रकारों के समक्ष आरोप लगाया कि उनके परिवार का दूसरे पक्ष से जमीन का विवाद चल रहा था।

विपक्षियों ने पहले वाजिद अली की पिटाई की और बाद में रिपोर्ट लिखाकर पुलिस बुलाकर उसे पकड़वा दिया। उसने आरोप लगाया कि उसके भाई को कई दिन से थाने में रखा गया था। उसे छोड़ने के एवज में थाना प्रभारी की मांग पर 50 हजार रुपये की घूस दी गयी थी, लेकिन दो लाख रुपये और मांगे जा रहे थे। दो लाख रुपये नहीं दे पाने के कारण पुलिस ने वाजिद अली को मार दिया। पीड़ित परिवार से मिलने दर्जीपुरवा जा रहे समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप और उनके साथियों को आज दोपहर इकौना के पास पुलिस ने रोक लिया और वापस लखनऊ भेज दिया। कश्यप ने पत्रकारों के समक्ष आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण ढंग से पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर संविधान विरुद्ध काम किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण ढंग से बैठे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठियां बरसाकर योगी राज के जंगल राज का एक नमूना श्रावस्ती में दिखाया है। उधर, पुलिस अधीक्षक ने सपा कार्यकर्ताओं की किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि सपा नेता ने बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ दर्जीपुरवा जाने की कोशिश की। कोविड-19 और कानून व्यवस्था के दृष्टिगत उन्हें वापस लखनऊ भेजा गया है। (एजेंसी)