Textile hub to be built in CM Yogi city Gorakhpur, will get employment

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    राजेश मिश्र

    लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री अपने गृहक्षेत्र गोरखपुर (Gorakhpur) को कपड़ा उद्योग का बड़ा केंद्र बनाने की तैयारी में हैं। गोरखपुर में विकसित किए जाने वाले गारमेंट हब (Garment Hub) के चलते बाहरी राज्यों की कपड़ा मिलों और पावरलूम पर काम करने वाले पूर्वांचल के कारीगरों को अब उत्तर प्रदेश में ही रोजगार (Employment) मिल सकेगा। योगी सरकार गोरखपुर में टेक्सटाइल पार्क (Textile Park) बना रही है जिसमें कपड़ा ईकाईयां लगाकर स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार दिया जाएगा।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath)  की पहल गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (GIDA) टेक्सटाइल उद्योग के लिए 4 एकड़ जमीन देगी। इस जमीन पर कई ईकाईयां लगेंगी जिसमे स्थानीय लोगों को काम मिलेगा। गोरखपुर में रेडीमेड गारमेंट के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय ऐसा है कि जिसमें कम पूंजी लगती है और ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। 

    सरकार का लक्ष्य 50, 000 लोगों को रोजगार देने का 

    मुख्यमंत्री के मुताबिक, अकेले गोरखपुर में 350 करोड़ रुपए की पूंजी से रेडीमेड कपड़ों के कारोबार में 15000 से ज्यादा लोगों को सीधे रोजगार मिला है। ऐसा छोटे व मझोले उद्योगों (एमएसएमई) के जरिए इस पारंपरिक उद्यम से ही संभव है। उनके मुताबिक अब प्रदेश सरकार का लक्ष्य इस क्षेत्र में 50000  लोगों को रोजगार देने का है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों के लाखों श्रमिक गुजरात के सूरत, अहमदाबाद, महाराष्ट्र के भिवंडी, ठाणे सहित बाहर के शहरों में कपड़ा मिलों में काम करते हैं। कोरोना संकट के दौरान इनमें ढेर सारे प्रवासी श्रमिक वापस लौटे थे।

    कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार 

    चेंबर आफ इंडस्ट्रीज के गोरखपुर अध्यक्ष विष्णु प्रकाश अजीत सरिया का कहना है कि गोरखपुर के टेक्सटाइल को देश में पहचान मिले, इसके लिए प्रयास जारी है। गारमेंट्स की राष्ट्रीय प्रदर्शनी की तैयारी चंपा देवी पार्क में संभावित है। इसमें प्रयास होगा कि भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की संस्था नॉदर्न इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (निट्रा) का भी स्टाल लगे। प्रदर्शनी के दौरान सेमिनार का भी आयोजन हो, जिससे यहां के उद्यमियों को आधुनिक मशीन और तकनीक की जानकारी हो सके। चेंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल का कहना है कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगामी दौरे पर उनसे मिलकर प्रस्ताव दिया जाएगा। 

    कुशल मजदूरों की पहचान हुई 

    गौरतलब है कि कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन में रेडीमेड कपड़ों के क्षेत्र में काम करने वाले 10 हजार प्रवासी कर्मिक गोरखपुर व पूर्वांचल के अन्य जिलों में लौट आए थे। इन लोगों को रोजगार पाने में ओडीओपी ने मदद की और प्रशासन भी उनकी मदद के लिए आगे आया है। प्रवासी मजदूरों को अपने प्रदेश में काम दिलाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से की गयी स्किल मैपिंग में भी बड़ी तादाद में पूर्वांचल में कपड़ा उद्योग में काम करने लायक कुशल मजदूरों की पहचान हुई है। सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, इस समय गोरखपुर में लगभग 2500 करोड़ रुपए का कपड़ा बाजार है, जिसमें से 2000 करोड़ रुपए के रेडीमेड कपड़ों की आपूर्ति बाहर से होती है। गोरखपुर की आबादी लगभग 55 लाख है और इनमें से लगभग 25 लाख महिलाएं हैं, जिन्हें इंटरप्रिन्योर बनने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।