वायरल वीडियो पर पारस अस्पताल के मालिक की सफाई, कहा- 22 मौतों का दावा पूरी तहत बेबुनियाद

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    आगरा: आगरा के श्री पारस अस्पताल में ऑक्सीजन की वजह से 22 लोगों की मौत होने के वायरल वीडियो से पूरे राज्य में तहलका मच गया है। योगी सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए अस्पताल को सीज कर दिया है। वहीं अब इस मामले पर अस्पताल के मालिक डॉ. अरिंजय जैन ने सफाई दी है। इसी के साथ उसने वीडियो में 22 लोगों की मौत के दावे को बेबुनियाद बताया है। 

    नहीं हुआ कोई मॉक ड्रिल

    अस्पताल के मालिक डॉ.अरिंजय जैन ने कहा, “एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मई दिखाई देरहा हूँ। वीडियो में बताया गया यह घटना अप्रैल की है जब दूसरी लहर चरम पर थी। गलती से या मासूमियत से, मैंने वीडियो में ‘मॉक ड्रिल’ शब्द का जिक्र किया था लेकिन ऐसा कोई मॉक ड्रिल नहीं था।

    उन्होंने कहा, “हमने इसे क्लिनिकल असेसमेंट या मॉक ड्रिल कहते हैं, यह जांचने के लिए कि हम अपने तर्कसंगत उपयोग को सुनिश्चित करने के अपने प्रयास में ऑक्सीजन के न्यूनतम स्तर पर एक मरीज को कैसे बनाए रख सकते हैं। इस अभ्यास के दौरान, बेडसाइड ऑक्सीजन समायोजन किया गया था।”

    मौतों की खबर पूरी तरह निराधार

    डॉ. जैन ने कहा, “इस क्लिनिकल ट्रायल के दौरान ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित नहीं हुई। इससे हमें उन रोगियों की पहचान करने में मदद मिली, जिन्हें उच्च-प्रवाह ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, ताकि तीव्र ऑक्सीजन की कमी के मामले में हम उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें। 22 मौतों की खबर पूरी तरह निराधार।”

    जांच में करूँगा पूरा सहयोग 

    जैन ने कहा, “मैं किसी भी जांच में सहयोग करने को तैयार हूं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आज अस्पताल का दौरा किया और मैंने उन्हें वह सारी जानकारी दी जिसकी उन्हें जरूरत थी। लेकिन दुर्भाग्य से, मेरा अस्पताल सील कर दिया गया है।”

    ज्ञात हो कि, पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पारस अस्पताल के मालिक डॉक्टर अरिंजय जैन कहते हैं, ‘मैंने संजय चतुर्वेदी को फोन किया। वो बोले- बॉस मरीजों को समझाओ, डिस्चार्ज शुरू करो। मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन नहीं दिला सकता। मेरे हाथ पांव फूल गए और मैंने पर्सनली समझाना शुरू किया। कुछ पेंडुलम बने रहे कि नहीं जाएंगे। फिर मैंने कहा- दिमाग मत लगाओ और उन्हें छांटो जिनकी ऑक्सिजन बंद हो सकती है। एक ट्रायल मार दो, हमें समझ आ जाएगा कि कौन मरेगा और कौन नहीं। इसके बाद सुबह 7 बजे मॉकड्रिल शुरू हुई। ऑक्सिजन शून्य कर दी…22 मरीज छंट गए। हाथ पैर नीले पड़ने लगे, छटपटाने लगे तो तुरंत खोल दिए।’