यूपी में त्यौहारी खरीद से छंट गई वाहन कंपनियों की मंदी

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– राजेश मिश्र

लखनऊ: कोरोना संकट (Corona Virus) के दौर में मंदी (Recession) से सहमे ऑटोमोबाइल कारोबारियों (Automobile Dealers) के इस बार दिवाली (Diwali) पर जमकर धनवर्षा हुई है. कार खरीदने वालों की भारी भीड़ ने बीते सालों की दिवाली को भी फीका कर दिया तो बाइकों के शोरुमों पर खरीददारों की कतार देखने को मिली है.

इस बार धनतेरस और दीवाली में कार खरीदने वालों ने बुकिंग कई महीने  पहले से शुरू कर दी थी और फिलहाल दीवाली के बाद भी अगले 15 दिनों तक सीधे शोरूम पर आकर कार मिलने की कोई गुंजाइश नहीं बची है. बाइकों की बिक्री का हाल यह है कि पहले के बुकिंग करा चुके ग्राहकों को भी मनपसंद कलर मिलने में दिक्कत आ रही है.

कारों की मांग का हाल यह है कि ज्यादातर नये माडल और लोकप्रिय गाड़ियों में अब कोई भी छूट नही मिल रही है जो आम दिनों में मिलती थी. मारुति, हुंडई और टाटा सहित कई कंपनियां ज्यादा मांग वाली गाड़ियों पर कोई छूट नहीं दे रहे हैं. कार शोरुम वालों का कहना है कि कोरोना संकट के दौर में इस बार सहालग और दीवाली एक साथ है जिससे संकट और बढ़ गया है.

अलग-अलग कंपनियों के शोरुमों से मिली जानकारी के मुताबिक दीवाली के मौके पर ही राजधानी में 4000 कारों की बुकिंग और डिलीवरी हुई है और फिलहाल नए आर्डर नहीं लिए जा रहे हैं. अकेले धनतेरस के दिन ही लखनऊ में 1800 से ज्यादा कारों की डिलीवरी दी गयी थी. राजधानी में दिवाली के बाद भी 15 दिन आगे की डेट पर डिलीवरी दी जा रही है.

शहर के पुराने ऑटोमोबाइल कारोबारी देवेंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि कोरोना संकट के दौरान हुए लॉकडाउन के चलते कारखाने बंद रहे और सप्लाई बाधित रही. अब इसका असर दिख रहा है. शोरुमों का मांग के मुताबिक सप्लाई नही मिल पा रही है उपर से मांग खासी बढ़ गयी है. शोरुम मालिक रंजीत सिंह का कहना है कि कोरोना संकट में सोशल डिस्टैंसिंग पर जोर के चलते लोगों में निजी वाहन खरीदने की होड़ बढ़ी है.

उनका कहना है कि लॉकडाउन और बाद के खराब हालातों के चलते लोगों ने खरीदारी नहीं की थी पर अब लोग सामने आ रहे हैं, लिहाजा मांग आपूर्ति से ज़रा ज्यादा हो गयी है. राजधानी के आसपास के शहरों में तो दिवाली पर नो व्हीकल का बोर्ड लग चुका है. बाहर के जिलों से मांग के चलते राजधानी में में भी कार डीलरों पर दबाव बढ़ गयी है.

मारुति शोरुम में प्रबंधक रहे अभिषेक पांडे का कहना है कि हाल के दिनों में डीजल और पेट्रोल की कीमतों में अंतर खत्म या न्यूनतम हो जाने के बाद मांग में बदलाव आया है. उनका कहना है कि डीजल गाड़ियों से कई गुना ज्यादा मांग पेट्रोल वाली गाड़ियों की है.

कारों के जैसा ही हाल बाइकों का भी है जहां मांग बढ़ने के चलते करेंट बुकिंग नही की जा रही है. बाइक शोरुमों में हालांकि डिस्काउंट का सिलसिला बरकरार है और कई जगह बीमा आदि मुफ्त दिया जा रहा है. बजाज शोरूम के मालिक का कहना है कि बीते साल के मुकाबले कारोबार बेहतर तो नहीं है पर उससे कम भी नही है. इस बार बाइकों की बिक्री अकेले दीवाली के तीन दिनों मे राजधानी में 15000 से ज्यादा हुई है.