Ballia Firing

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बलिया. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया जिले (Balliya District) के रेवती कांड (Revti Incident) के दो आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया जबकि मुख्य आरोपी अभी भी उसकी पकड़ से दूर है। अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव (Sanjay Yadav) ने बताया कि पुलिस ने आज एक आरोपी देवेंद्र प्रताप सिंह (Devendra Pratap Singh) को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पूर्व पुलिस ने मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू के भाई नरेन्द्र प्रताप सिंह (Narendra Pratap Singh) को गिरफ्तार किया था। इस तरह पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

उन्होंने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। पुलिस इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है । वाराणसी के अपर पुलिस महानिदेशक ब्रज भूषण ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने इस मामले में आरोपी नरेंद्र प्रताप को गिरफ्तार कर लिया है।

नरेन्द्र प्रताप रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू का बड़ा भाई है। जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के चयन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में तीन उप निरीक्षकों सहित नौ पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि आरोपियों के असलहा लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी। वहीं दूसरी तरफ भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के बचाव में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने पुलिस जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए इसकी सीबीसीआईडी जांच की मांग की है। इस मामले पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।

अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार यादव ने शुक्रवार को बताया कि बृहस्पतिवार को रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के चयन के दौरान हुई घटना के मामले में लापरवाही बरतने पर रेवती थाने में तैनात तीन उप निरीक्षक सूर्यकांत पांडेय , सदानन्द यादव और कमला सिंह यादव तथा छह आरक्षियों को निलंबित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में पहले ही उप जिलाधिकारी सुरेश चंद्र पाल और पुलिस उपाधीक्षक चन्द्रकेश सिंह को निलंबित कर दिया था । अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी की आख्या से स्पष्ट है कि अभियुक्त स्थल पर असलहा लेकर आये और पुलिस उपाधीक्षक चन्द्रकेश सिंह और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में घटना को अंजाम दे कर फरार हो गए।

अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रेवती थाने में चंद्रमा पाल की शिकायत पर धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू , उनके भाई नरेन्द्र प्रताप सिंह सहित आठ नामजद और 20 से 25 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने फिलहाल पांच लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर दबिश दी जा रही है, लेकिन मुख्य आरोपी धीरेंद्र सहित सभी आरोपी फरार हैं। वहीं दूसरी ओर रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को हुई घटना में मृतक जय प्रकाश पाल उर्फ गामा के भाई तेज प्रताप पाल ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाये हैं।

पाल ने पत्रकारों को बताया कि घटना के बाद पुलिस की भूमिका बेहद शर्मनाक रही है। उन्होंने दावा किया कि घटनास्थल पर दस पुलिसकर्मी मौजूद थे जिसमें दो महिला पुलिसकर्मी भी थी। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस आरोपियों को बचा रही थी और हम लोगों को पीट रही थी। आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह गोली मारकर भाग रहा था तो पुलिस ने उसे पीछे से पकड़ लिया।”

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने धीरेंद्र प्रताप को फरार करा दिया। अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जिले के बैरिया क्षेत्र के भाजपा विधायक सिंह ने शुक्रवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में कल सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान आवंटन को लेकर आयोजित बैठक के दौरान हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद थी। उन्होंने इसके साथ ही प्रशासन पर न्याय का गला घोंटने का आरोप लगाया।

उन्होंने रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह का बचाव करते हुए इसे क्रिया की प्रतिक्रिया करार दिया । उन्होंने कहा कि धीरेंद्र प्रताप ने आत्मरक्षा में गोली चलाई है , वरना उसके परिवार के कई लोग और सहयोगी मार दिये गए होते। उन्होंने इसके साथ ही जोड़ा कि आत्मरक्षा के लिए असलहा लाइसेंस दिया जाता है। भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले की सीबीसीआईडी जांच कराने की मांग की है।

उन्होंने प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि दूसरे पक्ष की छह महिलाएं घायल हुई हैं , लेकिन उनकी पीड़ा कोई नही देख रहा। उन्होंने कहा कि न्याय पक्ष को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उधर बलिया में सस्ते गल्ले की दुकान के चयन को लेकर बुलाई गयी बैठक में गोली चलने की घटना पर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को गहरी चिंता जताते हुये कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है।

उन्होंने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘उप्र में बलिया की घटना अति-चिन्ताजनक है । अभी भी महिलाओं तथा बच्चियों के आये दिन हो रहे उत्पीड़न आदि से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहाँ कानून-व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। सरकार इस ओर ध्यान दे तो बेहतर होगा। बसपा की यह सलाह।”

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘बलिया में सत्ताधारी भाजपा के एक नेता के एसडीएम और सीओ के सामने खुलेआम एक युवक की हत्या कर, हत्यारों के फरार हो जाने से उप्र में कानून व्यवस्था का सच सामने आ गया है। अब देखें, क्या एनकाउंटर वाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी भी पलटाती है या नहीं ?”

गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के चयन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी थी। इस घटना का मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। (एजेंसी)