Unnao Case
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    उन्‍नाव/लखनऊ (उप्र). उन्नाव जिले (Unnao District) में असोहा इलाके के बबुरहा गांव के बाहर दो किशोरियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने बृहस्पतिवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या (Murder) का मुकदमा दर्ज किया। राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्नाव के पुलिस अधीक्षक से दो हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी है।

    पुलिस ने बताया कि दोनों दलित लड़कियों के शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने ‘भाषा’ को बताया कि परिजन की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार अपनी बेटियों की हत्या किये जाने का आरोप लगा रहा है, लेकिन परिजन किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, लिहाजा उनकी तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

    इस बीच, उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले से जुड़ी मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए उन्नाव के पुलिस अधीक्षक से दो हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। आयोग के सदस्य के.पी. सिंह ने बताया कि आयोग ने इसे मानवाधिकार के उल्लंघन के मामले के तौर पर लिया है और पुलिस अधीक्षक से दो हफ्ते के अंदर पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की गयी है। इस बीच, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि दोनों दलित लड़कियों के शव का तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। उसकी रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है।

    उन्होंने कहा, ‘‘दोनों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है, लिहाजा उनका विसरा सुरक्षित कर लिया गया है। हम फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं और मामले की हर कोण से जांच कर रहे हैं।”

    पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने बताया कि घटना में मृत लड़कियों के साथ बेसुध पायी गयी लड़की का कानपुर के अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उसे जहर दिए जाने की आशंका जतायी है। उन्होंने कहा कि मामले के सभी वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किये जायेंगे और तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष एवं प्रभावी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि घटना स्‍थल पर पहले पहुंचने वाले परिवार के सदस्‍यों से पूछताछ की जा रही है।

    उन्होंने कहा कि मां और भाई के बयानों और घटनास्‍थल पर गये लोगों के बयानों में विरोधाभास है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों के शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं, उन्‍हें बांधा नहीं गया था। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया कि घायल किशोरी के इलाज को लेकर रीजेंसी हॉस्पिटल, कानपुर को पत्र भेजा गया है और कहा गया है कि घायल किशोरी का इलाज मुख्यमंत्री राहत कोष से कराया जाएगा। इस बीच, मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी भी शुरू हो गयी है।

    विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरा है, जबकि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की पुलिस मह‍ानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है। सरकारी प्रवक्‍ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा है कि अस्पताल में भर्ती पीड़िता का सरकारी व्यय पर बेहतर से बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने पीड़िता के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं।

    पुलिस के अनुसार, असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव में बीती शाम खेतों में घास लेने गयी तीन दलित किशोरियों के खेत पर संदिग्‍ध अवस्‍था में मिलने के बाद उन्हें सीएचसी ले जाया गया था, जहां चिकित्‍सकों ने दो किशोरियों (15 और 14 वर्ष) को मृत घोषित किया था, जबकि तीसरी किशोरी(16) की हालत गंभीर देखकर उसे उन्‍नाव अस्‍पताल ले जाया गया और बाद में कानपुर रेफर कर दिया गया।

    इस घटना को लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने बृह‍स्‍पतिवार को ट्वीट किया, “उत्तर प्रदेश के उन्‍नाव जिले में तीन दलित बहनों में से दो की खेत में कल हुई रहस्‍यमय मौत एवं एक की हालत नाजुक होने की घटना अति गंभीर और दुखद है। मैं पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। बसपा सरकार से घटना की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराने तथा दोषियों को सख्‍त सजा दिलाने की मांग करती है।”

    समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्‍य सुनील सिंह यादव ने आरोप लगाया है कि उन्‍नाव पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्‍होंने इस घटना की स्‍वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है। यादव ने इस मामले में ट्वीट किया, “आज उन्‍नाव में तीन नाबालिग बच्चियों के दुष्‍कर्म और हत्‍या की खबर ने योगी आदित्‍यनाथ की सरकार के महिला सुरक्षा और मिशन शक्ति पर कालिख पोतने का काम किया है। अपराधियों, बलात्‍कारियों के जयकारे लगाकर सत्‍ता का संरक्षण देने वालों के राज में इससे वीभत्‍स एवं शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।”

    कांग्रेस महासचिव और उत्‍तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने फेसबुक पर उन्‍नाव की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। उन्‍होंने कहा, ”उन्‍नाव की घटना दिल दहला देने वाली है। लड़कियों के परिवार की बात सुनना एवं तीसरी बच्‍ची को तुरंत अच्‍छा इलाज मिलना जांच पड़ताल एवं न्‍याय की प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है।”

    प्रियंका ने कहा, “खबरों के अनुसार पीड़ितत परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। यह न्‍याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है। आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्‍या हासिल होगा।” उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि परिवार की पूरी बात सुनें और त्‍वरित प्रभाव से तीसरी बच्‍ची को इलाज के लिए दिल्‍ली स्थानांतरित किया जाए। कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने भी उन्‍नाव की घटना की न्‍यायिक जांच की मांग की है। (एजेंसी)