उत्तर प्रदेश. जनपद मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल से चौंका देने वाला मामला सामने आया है। अस्पताल प्रशासन ने अलग-अलग समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दो शवों की अदला-बदली कर दी। जिससे परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ इस बड़ी लापरवाही को लेकर जमकर हंगामा किया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल ने हिंदू (Hindu) को मुसलमान (Muslim) का और मुसलमान को हिंदू का शव सौंप दिया।
मुस्लिम समुदाय के लोग अस्पताल पर भरोसा रख बिना जांच के शव लेकर चले गए और सिविल लाइन थाने स्थित कब्रिस्तान में दफन भी कर दिया। जबकि हिंदू समुदाय के लोग भी अंतिम संस्कार के लिए शव को श्मशान घाट लेकर चले गए थे। सारी तैयारियां हो चुकी थी अंतिम समय पर परिजनों ने शव को देखा तो हक्के-बक्के रह गए। आनन-फानन में शव को लेकर अस्पताल पहुंचे और शव के बदलने की शिकायत की। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल की तरफ से कहा गया कि, जो शव दिया है वह सही है और उसका अंतिम संस्कार कर दो। जब अस्पताल प्रशासन ने अपनी गलती नहीं मानी तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस ठाणे में की गई। पुलिस ने जांच के दौरान मुस्लिम परिवार से संपर्क किया और शव को कब्र से निकालकर और अस्पताल लाकर हिंदू परिजनों को सौंप दिया।
मामला यह है कि, बरेली के सुभाष नगर के रहने वाले रामप्रताप सिंह हार्ट के मरीज थे। उनकी तबियत खराब होने पर निजी कॉसमॉस अस्पताल में 16 अप्रैल को भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने जांच करने पर बताया कि, वे कोरोना संक्रमित(Coronavirus) हैं। इसके बाद 19 अप्रैल को सूचना दी गई कि इलाज के दौरान मरीज रामप्रताप (Rampratab)का निधन हो गया है और वो शव को लेने आ जाएं।
परिजनों ने अनुसार जब मुखाग्नि देने के लिए शव का चेहरा देखा तो सभी के होश उड़ गए। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर खूब हंगामा मचाया। अस्पताल प्रशासन अपनी गलती मानने बजाय परिजनों को चुपचाप अंतिम संस्कार की करने की नसीहत देता रहा। फिर मामले की शिकायत पुलिस (Uttar Pradesh Police) से की गई। सिविल लाइंस थाने से फोर्स मौके पर पहुंची जाँच में शव रामपुर निवासी नासिर का पाया गया। पुलिस ने शव के अदला बदली की जानकारी नासिर के परिजनों को दी। उन्होंने बताया कि वे शव को दफन कर चुके हैं।
इसके बाद पुलिस-प्रशासन और रामप्रताप के परिजन नासिर (Nasser) के शव के साथ चक्कर की मिलक स्थित कब्रिस्तान पहुंचे। देर रात अफसरों की मौजूदगी में कब्र खोदकर शव निकाला गया। शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने दोनों शव को उनके परिजनों को सौंप दिया।
एसडीएम प्रशांत तिवारी ने जानकारी दी है कि, कॉसमॉस हॉस्पिटल (Cosmos Hospital) में शव बदलने का मामला सामने आया था। जांच के बाद दो शवों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उनके परिजनों को सौंप दिया है। अस्पताल में कोविड के चलते शवों को ट्रिपल लेयर में पैक करके रखा जाता है। गलती के चलते शवों को बदल दिए गए। मामले की जांच की जा रही है, दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाही जी जाएगी ।