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– राजेश मिश्र

लखनऊ: महामारी (Epidemic) के दौरान मुंबई (Mumbai), दिल्ली (Delhi) व देश के अन्य शहरों से प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) की वापसी और उनकी दिक्कतों को देखते हुए योगी सरकार (Yogi Government) ने उनकी देखरेख का जिम्मा उठाया है। प्रवासी मजदूरों के पलायन और उपजी समस्याओं के मद्देनजर यूपी सरकार ने एक अहम फैसला लिया है।

प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए योगी सरकार दिल्‍ली, मुंबई और कोलकाता (Kolkata) जैसे शहरों में अपने अफसरों की तैनाती करने जा रही है। उत्तर प्रदेश वित्त निगम (Uttar Pradesh Finance Corporation) (यूपीएफसी) (UPFC) को बाहर के प्रदेश में काम कर रहे उत्तर प्रदेश के मजदूरों की हालात व उनकी दिक्कतों पर नजर रखने को कहा गया है।

दिल्‍ली (Delhi), महाराष्‍ट्र (Maharashtra), पश्चिम बंगाल (West Bengal), गुजरात (Gujarat) और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) समेत तमाम राज्‍यों के आर्थिक विकास और उद्योगों की रीढ़ बन चुके यूपी के लाखों प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और सम्‍मान पर योगी सरकार की पैनी नजर होगी। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने प्रदेश में रहने वाले मजदूरों की सुरक्षा, सुविधा और सम्‍मान की रक्षा के निर्देश अफसरों को दिए हैं।

योजना की शुरुआत मुंबई में अफसरों की तैनाती से होने जा रही है। तय योजना के मुताबिक मुंबई में उत्‍तर प्रदेश सरकार के दो अफसरों की तैनाती की जाएगी। मुंबई में मौजूद रह कर ये अफसर उत्तर प्रदेश के मजदूरों को मिल रही सुविधा,सुरक्षा और सम्‍मान पर नजर रखेंगे। प्रवासी मजदूरों के साथ कुछ भी गलत होने पर यूपी के अफसर स्‍थानीय प्रशासन से बात कर समस्‍या का समाधान करायेंगे और इसकी रिपोर्ट राज्‍य सरकार को भेजेंगे।

मुंबई में मौजूदगी के दौरान अफसर उत्‍तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की जा रही योजनाओं की जानकारी भी प्रवासी मजदूरों तक पहुंचाएंगे। ताकि जो मजदूर नई योजनाओं में शामिल हो कर प्रदेश में वापस आना चाहें उन्‍हें सुविधा मिल सके।

अपने मजदूरों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर दूसरे राज्‍यों में अफसरों की तैनाती करने वाला उत्‍तर प्रदेश देश का पहला राज्‍य है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रवासी कामगारों को रोजगार दिलाने के लिए आयोग का भी गठन किया था। योगी सरकार ने बड़ी तादाद में अपने घरों को लौटे प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग कराई थी।

वापस लौटे इन कामगारों को उनकी योग्यता व क्षमता के अनुसार काम दिलाने का अभियान भी चलाया गया था। प्रदेश सरकार ने सभी छोटे व मझोले उद्यमों में कम से कम एक प्रवासी कामगार को काम देने का लक्ष्य रखा था।

गौरतलब है कि, कोरोना काल में दिल्‍ली,मुंबई में रह रहे लाखों मजदूरों को जबरन बाहर कर दिया गया था। कोलकाता और मुंबई में रह रहे प्रवासी मजदूरों के साथ अच्‍छा  व्‍यवहार नहीं किए जाने की खबरें भी आती रही हैं। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उत्‍तर प्रदेश वित्‍त निगम को भी देश भर में रह रहे यूपी के प्रवासी मजदूरों के हाल पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।