कल्याण सिंह के बाद योगी आदित्यनाथ बने हिन्दू ह्रदय सम्राट

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लखनऊ: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का अयोध्या में बनाने वाले भव्य मंदिर का निर्माण 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों शुरू होने जा रहा है. जिसकी जोर शोर से तैयारी  राजधानी लखनऊ से लेकर अयोध्या तक शुरू है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित पूरी सरकार शिलान्यास कार्यक्रम को भव्य बनाने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ रही. मंदिर निर्माण के उत्साह के बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति में हिन्दू ह्रदय सम्राट को लेकर फिर से चर्चा शुरू हो गई है. लोग कल्याण सिंह के बाद योगी आदित्यनाथ को नया हिन्दू ह्रदय सम्राट कहने लगे हैं. 

कभी फायरब्रांड हिन्दू छवि वाले कल्याण सिंह को आगे चलाने वाली बीजेपी के पास अब योगी आदित्यनाथ जैसा के बड़ा हिंदुत्व वाला चेहरा मिल चूका है. योगी की पहचान एक सख्त प्रशासक के साथ, जन नेता के तौर पर होती हैं. जिसके नाम पर हिन्दू मतदाता एक तरफ पलट सकते हैं. उनके इस छवि को राम मंदिर और मजबूत और प्रभावी करने का काम करने वाला है. 

कार्यक्रम की पूरी तैयारी खुद की हांथो में
अयोध्या में बनाने वाले राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास कार्यक्रम की पूरी तैयारी अपने हांथो में ले रखी हैं. समारोह को भव्य बनाने के लिए जिस तरह से खुद सक्रिय हैं वह देखते ही बनता है. अपनी निगरानी में जिस तरह राम नगरी को सजाया जा रहा, दीपोत्सव की तैयारी की जा रही, वह अभूतपूर्व है. 

राम और राम मंदिर फिर सियासत का केंद्र 
बाबरी ढांचा विध्वंस के बाद जिस प्रकार राम मंदिर से जुड़ी ख़बरें और कल्याण सिंह राजनीति के केंद्र में थे. ठीक उसी प्रकार एक बार फिर राम मंदिर से जुड़ी हर ख़बर केंद्र में है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. उस समय कल्याण सिंह ने विध्वंस से जुड़े सारी ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले लिए थे. ठीक उसी तरह ,मंदिर निर्माण से जुड़ी हर कार्यक्रम की तैयारी अपनी देखरेख में कर रहे हैं. 

2022 की चुनाव में प्रमुख मुद्दा  
राम मंदिर का निर्माण कार्य 2023 में पूरा होने वाला है, लेकिन 2022 होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा रहेगा यह तय है। राजनीति में मंदिर का असर कितना होता है इसका उदाहरण कल्याण सिंह हैं, 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद इस्तीफ़ा देने के बाद 1997 चुनाव में जीत कर सरकार में आए थे. कल्याण के इस जबर्दस्त वापसी का श्रेय उस बयान को जाता है, जिसमे उन्होंने सारी ज़िम्मेदारी स्वयं ले ली थी. ठीक उसी प्रकार योगी ने मंदिर निर्माण के कार्यक्रम से जुड़े हर कार्यक्रम को अपने हांथो में लिया है. 

 गोरक्षपीठाधीश्वर की छवि बहुत कारगर 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाने के पहले योगी के पीछे गोरक्षपीठाधीश्वर की छवि खाड़ी थी. वहीं आने वाले चुनाव में राम मंदिर निर्माण कार्यक्रम खड़ा होगा। यह कार्यक्रम योगी की हिंद्त्व वाली छवि को और मजबूत करेगा। यूपी की राजनीति में योगी ब्रांड   पुनः वोटों का धुर्विकरण का काम करेगा. जो उनके पक्ष में जाने वाला है.