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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लव जिहाद  बड़ा निर्णय लिया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक ने जबरन धर्मातरण के खिलाफ बनाए गए अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है. जिसके बाद इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा.  इस बात की जानकारी गृह सचिव अविनाश अवस्थी ने दी. 

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाने का ऐलान किया था। पिछले महीने जौनपुर और देवरिया में हुए उपचुनावों के लिए रैलियों को संबोधित करते हुए, योगी ने कहा था कि उनकी सरकार ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिए एक कानून लेकर आएगी। 

महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, “आज उत्तर प्रदेश कैबिनेट ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ लेकर आई है। जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है.”

उन्होंने कहा, “100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थी जिनमें ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तित किया जा रहा है। इसके अंदर छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तित किया जा रहा है। इसपर कानून बनाना एक आवश्यक नीति बनी, जिसपर कोर्ट के आदेश आए हैं और आज योगी जी की कैबिनेट अध्यादेश लेकर आई है.”

1-5 वर्ष की सजा के साथ 15 हज़ार के जुर्माना  

 सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, “इस अध्यादेश के अंदर 1-5 वर्ष की सजा के साथ 15 हज़ार के जुर्माने का प्रावधान है। अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के साथ छल, कपट या बल से धर्म परिवर्तित के मामलों में दंड 3 वर्ष से 10 वर्ष तक है. जुर्माना 25 हज़ार है.”

उत्तर प्रदेश ने सबसे पहले अध्यादेश लाने का फैसला किया  

 उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “जिसे लव जिहाद का नाम दिया जा रहा है। वो धोखाधड़ी करना, छल-कपट करना, विश्वासघात करना, नाम बदलकर किसी लड़की को अपने प्यार के जाल में फंसाना, उससे विवाह का नाटक करना और उसे दयनीय अवस्था में छोड़ देना है.” उन्होंने कहा, “इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सबसे पहले अध्यादेश लाने का फैसला किया। जिसमें 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया जा रहा है.”