Loading

दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award 2022), भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के लिए सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। 60-70 के दशक की हिंदी सिनेमा की पॉपुलर अभिनेत्री आशा पारेख (Asha Parekh) को इस साल दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिल रहा है।आशा पारेख ने बहुत ही कम उम्र में अभिनय करना शुरू कर दिया था। उस समय उन्हें पर्दे पर बेबी आशा पारेख के नाम से जाना जाता था। निर्देशक बिमल रॉय ने बाल कलाकार आशा पारेख को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के मंच पर और जौहरी के रूप में उन्होंने दमदार अभिनय किया था। आशा तब सिर्फ 10 वर्ष की थी। इसके बाद आशा पारेख ने साल 1952 में बिमल रॉय की फिल्म ‘मा’ में काम किया।