भोपाल: कोरोना महामारी के समय कुछ लोग दूसरों की मदद करके मानवता की मिसाल कायम कर रहे हैं। लोगों इनके इस काम की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। जैसे सरदार जी जो जरूरतमंदों लोगों को खाना खिलाते है। एक बुर्जुग ने दूसरे मरीज से लिए अपना बेड दे दिया। इसी तरह से कई लोग है जो दूसरों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मरीजों के कारण अस्पतलों में बेड्स की कमी है। मरीजों को अस्पताल तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिल रहे हैं। लोगों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं एम्बुलेंस (Ambulance) के लिए मरीजों के परिजन यहां वहां भटक रहे हैं। इस कड़ी में एक तस्वीर (Photo) सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रही हैं। जिसमें लोगों की मदद करने के लिए जावेद खान नाम के शख्स ने मरीजों को अपने ऑटो (Auto) से निशुल्क अस्पताल (Hospital) तक पहुंचाने का काम कर रहे है। जावेद (Javed) ने अपने इस काम के लिए अपनी पत्नी के गहने भी बेचने पड़े। उनके इस काम को देखकर लोग बहुत खुश है और उनकी तारीफ कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जावेद खान (Javed Khan) पेशे से एक ऑटो ड्राइवर (Auto Driver) है। जो मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) के रहने वाले है। वह एक ऑटो को एम्बुलेंस की तरह लोगों के लिए इस्तेमाल कर रहे है। इस वक्त वह कोरोना वायरस में एक वॉरियर की तरह काम कर रहे है। इस समय लोग दूसरों की मदद करने में थोड़ा हिचकिचा रहे हैं वहीं वह लोगों को निशुल्क सेवा दे रहे है। सोशल मीडिया पर जावेद खान के ऑटो की तस्वीर वायरल हो रही है तस्वीर में देख सकते है कि ऑटो में ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर से लेकर पीपीई किट जैसी तमाम जरूरी सुविधाएं मौजूद है।
MP: An auto driver in Bhopal has converted his auto into an ambulance & takes patients to hospitals for free. Javed, the driver, says, “I saw on social media & news channels how people were being carried to hospitals due to the shortage of ambulance. So I thought of doing this.” pic.twitter.com/eaH4CpWGBO
— ANI (@ANI) April 30, 2021
जावेद खान ने बताया कि मैंने सोशल मीडिया और न्यूज चैनल्स पर देखा कि एंबुलेंस की कमी के कारण लोग किस तरह से मरीजों अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं। इसी के बाद मैंने यह काम करने का फैसला किया। इसके लिए मुझे अपनी पत्नी के गहने बेचने पड़े। ऑक्सीजन के लिए मैं रिफिल सेंटर के बाहर लाइन में खड़ा होता हूं। अब मुझे यह काम करते 15 से 20 दिन हो गए हैं. इस दौरान मैंने 9 सीरियस पेशेंट को अस्पताल पहुंचाया हैं। जावेद अपने काम के बारे में बात करते हुए कहते हैं, ‘मेरा कॉन्टेक्ट नंबर सोशल मीडिया पर मौजूद है. अगर किसी को एंबुलेंस नहीं मिलती तो वह मुझे बेहिचकक फोन कर सकता है.’