इटली : वैज्ञानिक हमेशा से मिस्र (Egypt) के ममी (Mummy) पर नई-नई खोज करते रहते है। इनसे वह जानकारियां जुटाते रहते है। अब इटली (Iatly) के वैज्ञानिकों ने मिस्र के एक पुजारी की ममी का सीटी स्कैन (CT Scan) कर रहे है। वैज्ञानिक जिस ममी का सीटी स्कैन कर रहे है। वह 3000 साल पुराने के पुजारी का है। इस पुजारी का नाम अंखेखोंसू बताया जा रहा है। पुजारी के सीटी स्कैन से वैज्ञानिक प्राचीन समय के रहस्यों का पता लगाना चाहते है और इस आधुनिक सीटी स्कैन से पुजारी के जीवन के बारे में और मृत्यु के बाद इस्तेमाल किए जाने वाले दफन के रीति-रिवाजों का पता लगाया जा सकता है। पुजारी के ममी का अध्ययन करने के लिए विज्ञान का सहारा लिया गया है। यह सीटी स्कैनइटली के मिलान शहर में किया जा रहा है।
पुजारी के जीवन और दफनाने के रीति-रिवाज जानने की कोशिश
मिलान के पोलीक्लिनिको अस्पताल के शोधकर्ताओं की एक टीम इस ममी से जुड़ी हर एक जानकारी पर करीबी निगाह रख रही है। टीम का कहना है कि वे इस पुजारी के जीवन के बारे में और मृत्यु के बाद इस्तेमाल किए जाने वाले दफन के रीति-रिवाजों को जानने के लिए सीटी स्कैन जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वैज्ञानिक जांच से स्कैन किए गए पुजारी की पूरी जैविक और रोग संबंधी प्रोफाइल मिल सकती है।
ममी के उम्र, कद और बीमारियों का पता लगा रहे है
इस शोध में पुजारी के ममी से उसके उम्र और कद के बारे में पता लगाया जा रहा है उस समय में होने वाली बीमारियां उनके घावों के बारे में पता लगा रहे है। मम्मी प्रोजेक्ट रिसर्च की निदेशक सबीना मालगोरा ने कहा कि ममियां व्यावहारिक रूप से एक जैविक संग्रहालय हैं, वे एक समय कैप्सूल की तरह हैं। उनके अंदर कई तरह के राज छिपे हो सकते हैं।
An Italian hospital used a CT scan to unveil the secrets of an Egyptian mummy https://t.co/6DmwwWHCN2 pic.twitter.com/uT7PBk7PpJ
— Reuters (@Reuters) June 23, 2021
ताबूत पर लिया था ममी का नाम
पुजारी के ताबूत पर उसका नाम लिखा था। वैज्ञानिक पुजारी की मौत का पता लगा रही है। मालगोरा ने कहा कि इस ममी का नाम इसकी ताबूत से आया है। उनके ताबूत पर पांच बार अंखेखोंसु उकेरा गया है, जिसका मतलब होता है कि ‘भगवान खोंसू जीवित हैं। मिस्र के इस पुजारी के ताबूत का निर्माण लकड़ी से किया गया है और इसे रंगीन चित्रलिपि से सजाया गया है। एक चेहरा सबसे ऊपर है जिसमें बड़ी, काली आंखें हैं और हाथ छाती पर रखे हुए हैं।
पुजारी के पास थी अद्भुत शक्ति
कहा जा रहा है कि पुजारी के पास लोगों को बीमारियों से ठीक करने की अद्भुत शक्ति थी। प्राचीन मिस्र के लोग चंद्रमा और समय के देवता के रूप में मानते थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार, खोंसु ने ब्रह्मांड को बनाने में एक भूमिका निभाई थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मालगोरा और उनकी टीम एक और रासायनिक और भौतिक विश्लेषण करने के बाद इस बात की पुष्टि करने में सक्षम होंगे कि यह अवशेष एक प्राचीन मिस्र के पुजारी के हैं।