कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर से लोग परेशान है। हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या रिकॉर्डतोड़ दर्ज की जा रही है। वहीं कोरोना में अब ब्लैक फंगस और वाइट फंगस और येलो फंगस से लोग जूझ रहे है। वह सोशल मीडिया (Social Media) पर अब एक मैसेज वायरल हो रहा है। जिसमें यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नाम से एक फर्जी मैसेज वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे इस मैसेज में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कथित रूप से कोविड-19 के सीजनल वायरस होने का दावा किया जा रहा है। यह मैसेज सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सएप (Whatsaap) पर वायरल हो रहा है।
इस मैसेज में दावा किया है कि इस कोविड-19 के सीजनल वायरस में शारीरिक दूरी और आइसोलेशन की जरूरत नहीं है। यह डब्ल्यूएचओ के नाम से वायरल मैसेज फर्जी है डब्ल्यूएचओ ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। व्हाट्सएप के इस मैसेज में लिखा है कि डब्ल्यूएचओ ने अपनी गलती मानते हुए पूरी तरह से यू-टर्न लेते हुए कहा है कि कोरोना एक सीजनल वायरस है। यह मौसम बदलाव के दौरान होने वाला खांसी जुकाम गला दर्द है। इससे घबराने की जरुरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ अब कहता है कि कोरोना रोगी को न तो अलग रहने की जरुरत है और न ही जनता को सोशल डिस्टेंसिंग की जरुरत है. यह एक मरीज से दूसरे व्यक्ति में भी संचारित नहीं होता।
.@WHO द्वारा कथित रूप से #कोरोना के सीजनल वायरस होने का दावा किया जा रहा है जिसमें शारीरिक दूरी और आइसोलेशन की जरूरत नहीं है#PIBFactCheck:यह दावा #फर्जी है।#COVID19 एक संक्रामक रोग है व इसमे #कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना आवश्यक है।
▶️मास्क पहनें
▶️हाथ धोएं
▶️शारीरिक दूरी बनाएं pic.twitter.com/7BQANS6uy3— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 2, 2021
इस वायरल मैसेज की पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने एक ट्वीट कर स्पष्ट कहा है कि यह दावा फर्जी है। डब्ल्यूएचओ की ओर से कभी ऐसी बात कहीं ही नहीं गई है। कोविड-19 एक संक्रामक रोग है व इसमे कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना आवश्यक है। कोरोना वायरस के संक्रमण से खुद को बचाने के लिए मास्क पहनें, हाथ धोएं और शारीरिक दूरी बनाएं रखें और कोरोना वायरस को फैलने से रोके।