रहस्यमयी जगह : जहां गायब हो गए 2000 जहाज और 75 प्लेन, क्या यहां होता हैं भूतों का बसेरा, जानें इस जानलेवा जगह के बारे में रोचक बातें

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    नयी दिल्ली : जैसा की हम जानते हैं हादसा यह कभी भी कही भी हो सकता हैं, लेकिन एक ही जगह पर एक से बढ़कर एक हादसा होना क्या आम बात हैं। जी नही, दुनिया में ऐसे कई रहस्यमयी जगह है जिसके बारें में सभी जानने के लिए जिज्ञासा रखते है, ऐसे ही एक रहस्यमयी जगह के बारे में आपको बताने जा रहे है। तो चलिए जानते हैं दुनिया की इस रहस्यमयी जगह केन बारे में….

    रहस्य की पहेली को कोई नहीं सुलझा पा रहा बरमूडा ट्रायंगल, नॉर्थ अटलांटिक महासागर का वह हिस्सा जिसे ‘डेविल्‍स ट्राइंगल’ यानी ‘शैतानी त्रिभुज’ भी कहा जाता है। आज दुनिया विज्ञान के क्षेत्र में कई मील आगे आ गई है लेकिन फिर भी दुनिया के इस हिस्से में जो रहस्य है उसकी वजहों का पता किसी को नहीं लग सकता है। यह वह जगह है जहां पर कई एयरक्राफ्ट्स और शिप्‍स हो गईं, किसी को भी पता नहीं लग सका। अमेरिकी नेवी का मानना है कि यह ट्राइंगल है ही नहीं है और अमेरिकी जियोग्राफिक नामों में ऐसा कोई भी नाम है ही नहीं। हालांकि ब्रिटेन की साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इसका रहस्य सुलझाने का दावा किया था।

    इतनी ऊंची उठती हैं लहरें

    इस रहस्यमयी जगह को लेकर सबकी अलग- अलग धारणाएं है। कोई इस जगह को भयावह मंजर कहते हैं, तो कोई कहते है की यहां भूतों का साया है।  बरमूडा ट्राएंगल में समा चुके पानी के जहाज और हवाई जहाजों की बारे में पुष्ट तौर पर तो कोई आंकड़ा नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि अब तक 2000 जहाज और 75 एयरक्राफ्ट इस शैतानी ट्रायंगल में समा चुके हैं। बरमूडा ट्रायंगल को लेकर कई थ्‍योरी अब तक दुनिया के सामने आ चुकी हैं। किसी ने यहां एलियन की मौजूदगी का एहसास किया तो किसी ने भूतों का साया बताया। ब्रिटिश वैज्ञानिकों के मुताबिक ‘रॉन्‍ग वेव’ के कारण बरमूडा ट्राएंगल में हादसे होते हैं।  ये भयावह लहरें 100 फुट तक होती हैं, जिसकी वजह से इसकी चपेट में जो भी आता है वह नष्ट हो जाता है। 

    डूबी है एक वॉरशिप

    वैसे तो इस जगह के रहस्य के बारे में जानना हम सब के बस की बात नहीं। पर माध्यम एक ऐसी जगह है जो ज्ञान देने का, रहस्यमयी जगहों का खुलासा करने का काम करते है। ब्रिटिश चैनल 5 की डॉक्यूमेंट्री ‘द बरमूडा एनिग्‍मा’ मतलब ‘बरमूडा ट्रायंगल का रहस्‍य’ में वैज्ञानिकों ने यह नई थ्‍योरी दी है। जहां तक ‘रॉग वेव’ की बात है तो 1997 में इन्‍हें पहली बार सेटेलाइट की मदद से देखा गया था। चैनल 5 की डॉक्यूमेंट्री में एक घटना को उदाहरण बनाकर भी दिखाया गया है। इसमें यूएसए साइक्लोप्स जहाज का मॉडल तैयार किया गया। 1918 में यह अमेरिकी युद्धपोत बरमूडा ट्राएंगल में समा गया था। इस घटना में 300 लोग मारे गए थे। रिसर्च करने वालों ने इसी जहाज एक मॉडल तैयार किया, जिसकी मदद से यह पुष्टि करने में मदद मिली कि आखिर हादसे क्यों होते हैं।

    तीन राज्यों के आकार से भी बड़ा है शैतानी त्रिभुज

      इसके बाद भी इस जगह पर ऐसी कई असाधारण बातों का जिक्र लोग करते हैं जिन पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। कई ऐसे डॉक्‍यूमेंट्स हैं जिनमें कहा गया है कि इस जगह पर कई हादसे हुए हैं जो डराने वाले हैं और रहस्य से भरपूर हैं। दुनिया की कई संस्थाएं ऐसी जगह के होने से इंकार कर देती हैं लेकिन कई लेखकों ने समय-समय पर इसका जिक्र किया है। बरमूडा ट्रायंगल समुद्र के 440,000 मील क्षेत्र को कवर करता है। राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के क्षेत्रफल को मिला लिया जाए तो भी यह आकार में बड़ा ही साबित होगा।

    पूरा शहर हुआ है गायब

    लोग मानते हैं कि ट्रायंगल कहां हैं इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है लेकिन ट्रायंगल के बाहर भी इसका प्रभाव रहता है। यह बात भी कई लोगों को डराती है और हैरान कर देती है। कहा जाता हैं कि अगर इस जगह पर एयरक्राफ्ट्स और जहाज गायब हो जाते हैं तो इसकी वजह से एलियन और यूएफओ की सक्रियता।  कुछ लोग यह भी कहते हैं कि कई प्राकृतिक, भौगोलिक और दूसरी वजहों के साथ ही इस ट्रायंगल की वजह से अटलांटिस शहर गायब हुआ है।

    डूबे हुए जहाजों का मलबा तक नहीं मिलता 

    कोई हादसा या घटना होती हैं तो  इसके कुछ ना कुछ निशान पीछे छूट जाते हैं। पर ये एक ऐसी जगह है जो सालाना 20 जहाज खाकर भी इसका एक पूरजा नहीं मिलता। जब कभी भी कोई प्लेन या जहाज ट्रायंगल के ऊपर या आसपास नजर आया, वह दोबारा वहां से लौट नहीं सका। कभी किसी ने उस प्लेन या जहाज को नहीं देखा। यहां तक कि उनका मलबा तक नहीं मिला। इसकी वजह बताई जाती है ट्राइंगल के पास ही बहने वाली समुद्र की तेज लहर जो तेजी से मलबे को अपने साथ बहा ले जाती है। बताया जाता है कि 100 वर्षों के दौरान यहां पर 1000 लोगों की मौत हो गई है। औसतन प्रतिवर्ष यहां पर चार एयरक्राफ्ट और 20 जहाज गायब हो जाते हैं।

    टेक ऑफ करने के तुरंत बाद गायब प्लेन

    घटनाये आम बात हैं, लेकिन जिस तरह की घटना की हम बात कर रहे हैं उसे सुन हम हैरान तो हो जायेंगे लेकिन रहस्यमयी  जगह के बारे में जाने के लिए जिज्ञासु भी हो जायेंगे। बरमूडा ट्रायंगल के अंदर अमेरिकी सरकार की ओर से एक्यूटीईसी या अटलांटिक अंडरसी टेस्‍ट एंड इवैल्यूएशन सेंटर मौजूद है। यह सेंटर एंड्रॉस आइलैंड ऑफ बहामास पर स्थित है। यहां पर अमेरिकी नेवी उनकी सबमरीन, सोनर और दूसरे हथियारों का टेस्ट करती है। हालांकि कई लोग मानते हैं कि यह सिर्फ एक टेस्टिंग सेंटर से ज्यादा है। कई लोगों ने यहां पर इलेक्‍ट्रॉनिक फॉग होने की बात भी कही है।  इस टाइम ट्रैवल टनल भी कहा जाता है। पायलट ब्रूस ग्रेनॉन की मानें तो फ्लाइंग के सिर्फ 28 मिनट के अंदर ही वह इस टनल के अंदर गायब हो गए थे। उनका प्लेन रडार से गायब हो चुका था। मियामी बीच पर पहुंचने के बाद ही प्लेन रडार पर वापस नजर आ सका।

    90 मिनट के अंदर गायब बॉम्बर जेट

    वर्ष 1945 में अमेरिकी नेवी के पांच एवेंजर टॉरपिडो बॉम्बर्स 90 मिनट के अंदर गायब हो गए थे। फ्लोरिडा के फोर्ट लॉडरडले से इन एयरक्राफ्ट सॉर्टी के लिए टेक ऑफ किया था। 14 व्यक्ति सवार थे. रेडियो ऑपरेटर को पहले संकेत मिला कि उनके पास मौजूद दिशा बताने वाला इक्विपमेंट कम्‍पास काम नहीं कर रहा है। इसके बाद कम्युनिकेशन टूट गया और फिर उस बॉम्बर्स का कोई पता नहीं चला। बरमूडा ट्रायंगल दुनिया की वह अजब-गजब जगह है जहां पर कंपास मैग्नेटिक नॉर्थ की ओर कोई इशारा नहीं करता है। इस वजह से कंफ्यूजन होता है और जिसकी वजह से एयरक्राफ्ट्स और जहाज गायब हो जाते हैं।