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नई दिल्ली: ये दुनिया अपनी कल्पनाओं के भी परे है। यहां बहुत सी चीजें ऐसी है जिसके बारे में हम कभी सोच भी नहीं सकते। जी हां आज हम आपको एक ऐसी ही जानकारी देने जा रहे है जिसके बारे में जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। जी हां अब तक आपने दुनिया में ऐसी कई जगहें देखी होगी जो ठंडी है, लेकिन आज हम उससे भी एक लेवल आगे की बात बताने जा रहे है। 

पानी के बदले लाल खून 

दरअसल विश्व की एक ऐसी जगह है जो सबसे ठंडी है, लेकिन यही उसकी ख़ास बात नहीं है, जी हां दरअसल इसमें खास और सबसे ज्यादा चौंकाने वाली यह बात है कि इस जगह पर ‘लाल बर्फ’ है और इतना ही नहीं बल्कि इस जगह पर पानी के बदले खून (Blood red ice in Antarctica) निकलता है। चौंक गए ना? लेकिन यह वास्तव में है। आइए जानते है दुनिया के इस अजीबोगरीब जगह के बारे में कुछ रोचक बातें… 

प्रकृति का अनोखापन! 

हम जिस जगह की बात कर रहे है वह दुनिया की सबसे ठंडी जगह एंटार्कटिका (Red glacier Antarctica) में है। जी हां यहां सफेद की जगह ‘लाल बर्फ’  नजर आती है जिसमें से पानी की जगह ‘खून’ निकलता है। दरअसल डेली स्टार न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार ‘ब्लड फॉल्स’ (Blood Falls) का राज सालों से वैज्ञानिकों को हैरान कर रहा था। लेकिन वैज्ञानिक यही नहीं रुके बल्कि उन्होंने इसका सच एक दिन खोज ही निकाला। इस खुलासे के बाद लोगों को पता चला कि ये असल में लाल बर्फ या खून नहीं, सिर्फ प्रकृति के अनोखेपन की वजह से ऐसा है। जिसे देख हर कोई दंग रह जाता है।

 

वैज्ञानिकों ने खोला राज 

जी हां जानकारी के लिए आपको बता दें कि टेलर ग्लेशियर (Taylor Glacier) के नाम से फेमस एंटार्किटका में एक ग्लेशियर है जिसमें से लाल रंग निकलता नजर आता है। दरअसल ये जगह  मैक मर्डो ड्राय वैली में है और सबसे पहले इसे 1911 में खोजा गया था। दशकों तक वैज्ञानिक इसके राज को खोजने में लगे हुए थे। आखिरकार इस राज का पता लगाने में वैज्ञानिक सफल रहे। 

15 लाख साल से मौजूद है लाल बर्फ 

जी हां जैसा कि हमने आपको बताया हाल के सालों में यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का फेयरबैंक्स ने इस गुत्थी को सुलझा लिया है। इस शोध के अनुसार लाल ग्लेशियर या बर्फ आज से नहीं, करीब 15 लाख साल से मौजूद है और ये लगातार जारी ऑक्सीकरण की वजह से है। दरअसल, इस घाटी में नमक की वजह से खारा पानी है जिसमें आयरन की मात्रा काफी ज्यादा है। ये एक बंद तालाब में है जिसमें धूप या ऑक्सीजन ठीक तरह से नहीं पहुंच पाते। इस वजह से इसमें उनकी मात्रा काफी कम है , जिस वजह से नजारा कुछ ऐसा है। 

 

पानी का रंग लाल होने की वजह…

आपको बता दें कि जब पानी का फ्लो हवा के ऑक्सीजन से संपर्क में आता है, तो उसमें मौजूद आयरन में जंग लग जाता है जिसकी वजह से वो पानी के रंग को लाल कर देता है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस इलाके में लोग नहीं रहते हैं क्योंकि यहां का मौसम बहुत ही ठंडा है। ब्लड फॉल पहुंचने के लिए सिर्फ हेलीकॉप्टर ही एकमात्र विकल्प है जो अमेरिका के मैकमर्डो स्टेशन से मिल सकता है या फिर न्यूजीलैंड के स्कॉट बेस से मिल सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि उस पानी में कई जीवाणु रहते हैं जो उसी आयरन और सल्फेट की मदद से पनपते हैं। इसलिए यहां रहना किसी भी जीव के लिए घातक साबित हो सकता है। प्रकृति के ऐसे कई अनकहे किस्से है जिसके बारे में हम नहीं जानते।