इस देश में जन्मा दो सिरों वाला दुर्लभ कछुआ, सक्रियता और अलर्ट देखकर वैज्ञानिक भी है हैरान

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    दुनियाभर से ऐसी कई खबरे सामने आती रहती हैं, जिन्हें जानकर काफी हैरानी होती है। कुछ ऐसी ही खबर अमेरिका के मैसाचुसेट्स (Massachusetts of America) से सामने आई है। यहां एक ऐसा दुर्लभ कछुआ (Rare Tortoise) पैदा हुआ है, जिसकी फोटो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल (Two Head Tortoise) हो रही है। यह कछुआ दो मुंह वाला है, जो बेहद सक्रिय है। इस कछुए की सक्रियता देखकर वैज्ञानिक भी हैरान है। इस कछुए का लोग काफी ख्याल भी रख रहे हैं।

    मैसाचुसेट्स स्थित न्यू इंग्लैंड वाइल्डलाइफ सेंटर ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है। इस फोटो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है ये नन्हा कछुआ एक डायमंडबैक टेरापिन्स प्रजाति का कछुआ है। जिसे वैज्ञानिक भाषा में मालाक्लेमिस टेरापिन (Malaclemys terrapin) कहते हैं। यह बेहद दुर्लभ प्रजाति का कछुआ है। साथ ही ये बेहद एक्टिव और अलर्ट होते हैं। आमतौर पर इस तरह की स्थितियों के साथ पैदा होने वाले जीव ज्यादा दिन जीवित नहीं रहते, लेकिन ये दो सिर वाला कछुआ काफी स्वस्थ है और जीवन जी रहा है।

    आगे लिखा है कि, इस तरह के कछुए जेनेटिक या पर्यावरणीय वजहों से भ्रूण में बदलाव की वजह से पैदा होते हैं। जीवों में इस वजह से कोई अंग जरूरत से ज्यादा बन जाते हैं। इस दुर्लभ स्थिति को बाइसिफैली (Bicephaly) कहते हैं। बता दें कि, इस स्थिति में पैदा होने वाला कोई भी जिव ज़्यादा दिन जीवित नहीं रह पता है। इससे पहले वर्जीनिया में दो सिर वाला वाइपर सांप मिला था, जो कुछ ही घंटों बाद मर गया था। लेकिन, इस कछुए को पैदा हुए 2 हफ्ते से ज़्यादा हो चुके हैं। इस कछुए पर जीव वैज्ञानिक काफी रिसर्च भी कर रहे हैं। 

    कुछ जांच में पता चला कि, इस कछुए के भले ही सिर तो दो हैं, लेकिन रीढ़ की हड्डी दो सिरों से होते हुए आगे जाकर एक हो जाती है। इसका हर सिर अपनी तरफ के तीन पैरों को नियंत्रित करने में सक्षम है। वहीं पैदा होने के बाद दो-तीन दिन तक इसने अपने अंडे के पीले वाले घोल से ही खाना हासिल किया है। वहीं इसके खाने के बारे में पता किया गया तो, पता चला कि इस दो सिर वाले कछुए के दो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट हैं। अगर नार्मल भाषा में कहे तो इसके दो पेट हैं। एक पेट दूसरे की तुलना में थोड़ा सा ज्यादा विकसित है।  

    इसके अलावा जब इन्हें पानी की टैंक में दाल कर तैरने के तरीके की जांच की तो पता चला कि दोनों सिर एक दूसरे के साथ सामंजस्य बिठाकर तैर रहे थे। फिर जब इन्हें सांस लेना होता है तो दोनों सिर पानी के ऊपर आकर सांस लेते हैं। वैज्ञानिक का मानना है कि जिस तरह अभी यह स्वस्थ हैं, वैसे ही अगर ये हमेशा रहे तो यह लम्बे समय तक जीवित रह सकते हैं और अगर इनका जीवन लम्बा रहा तो यह दुनिया का पहला ऐसा केस होगा।