ज्ञान की बात : आखिर क्यों टॉयलेट पेपर सफेद, वाहनों के टायर काले और स्कूल बस पीले रंग के ही होते हैं, जानें इसके जवाब

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    नई दिल्ली : हम सब जानते है कि ऐसी कुछ चीजें है जिनके रंग पहले से ही तय रहते है, जिनमे कोई बदलाव नहीं रहता। जैसा की बचपन से हमने देखा है कि गाड़िओ के टायर अक्सर काले रंग के ही होते है। साथ ही ज्यादातर स्कुल बसें पिले रंग की ही होती है। इतना ही नहीं बल्कि टॉयलेट पेपर भी हमेशा सफेद रंग के ही होते है। इसके पीछे आखिर क्या वजह रह सकती है, की इनके कलर फिक्स है। आईये जानते है… 

    1. टायर्स (Tires)

    हम सबने अब तक यही देखा है की गाड़ियों के टायर्स काले रंग के ही होते है, आपको बता दें की इसके पीछे एक वजह है। वाहनों के टायर्स की बात करें तो इसका रंग काला होने के पीछे इसकी मजबूती है। दरअसल, टायर्स रबड़ से बनते हैं और सफेद भी रह सकते हैं, लेकिन इनका मजबूत और टिकाऊ होना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसी पर पूरे वाहन का दारोमदार होता है। ऐसे में इन्हें टिकाऊ और मजबूत बनाने के लिए रबड़ में Carbon Black मिलाया जाता है. इसलिए इनका रंग काला होता है। 

    2. स्कुल बस (School Bus)

    जैसा की हम जानते है स्कूल बस का रंग पीला-काला होता है। इसके पीछे भी बहुत खास वजह है, इसका कारण सुरक्षा से जुड़ा है। अंधेरे में भी यह रंग दूर से ही दिख जाता है। वहीं ठंडी के मौसम में जब कुहासा, धुंध वगैरह होती है तो भी बच्चों को यह आसानी से दिख जाता है। इसलिए आम तोर पर सभी स्कुल बसों का रंग पीला ही होता है। 

    3. टॉयलेट पेपर (Toilet Paper)

    टॉयलेट पेपर सफेद होने के पीछे भी एक खास वजह हैं जिसे सभी को जानना चाहिए।  टॉयलेट पेपर की तो ब्लीच के कारण इसका रंग सफेद होता है। ऐसा न हो तो यह भूरे रंग का हो सकता है। हालांकि कुछ कंपनियां कलर्ड टॉयलेट पेपर भी बेचती हैं, लेकिन सफेद की अपेक्षा यह महंगा होता है. रंगहीन यानी सफेद होने के कारण टॉयलेट पेपर आसानी से गल भी जाता है।