(Image-Facebook-Girija Harikumar)
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    केरल: जहां दुनिया में कई तरह के विवाद देखने को मिल रहे है, हिंसा बढ़ती ही जा रही है, लेकिन दुनिया में आज भी कुछ ऐसे अच्छे लोग है जो बिना किसी झिझक के जरूरतमंद लोगों को मदद करते है, आज कुछ ऐसी ही एक इंसानियत की मिसाल पेश करने वाली कहानी आपको बताने जा रहे है, जिसके बारे में पढ़कर आप भी कहेंगे की वाकई में इंसानियत आज भी जिंदा है। आइए जानते है पूरी खबर…  

    इंसानियत अभी भी जिंदा 

    जी हां हम जिस कहानी की बात कर रहे है वह केरल की है जहां आर्थिक तंगी से जूझ रही एक महिला का सहारा बने लोग, जी हां अजनबियों ने दिल खोलकर मदद इस महिला की मदद की है। बता दें कि सोशल मीडिया पर क्राउडफंडिंग के जरिए महिला को 50 लाख रुपये से अधिक का डोनेशन मिला है। वह अपने बच्चों की टीचर के पास 500 रुपये उधार मांगने गई थी। बाद में उसी टीचर ने महिला की मदद के लिए क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया।  बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 46 साल की सुभद्रा पति की मौत के बाद गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रही थीं। उनके पास बच्चों को खाना-खिलाने तक के पैसे नहीं थे, ऐसे में आगे आकर एक महिला टीचर ने जो किया है वह काफी सराहनीय है। 

    पाई-पाई को मोहताज थी महिला 

     ऐसे में उन्होंने अपने बच्चों की महिला टीचर से 500 रुपये उधार मांगे। सुभद्रा की हालत देखकर वो टीचर भावुक हो गईं और उन्होंने सोशल मीडिया पर एक क्राउडफंडिंग अभियान शुरू कर दिया, ताकि कुछ अधिक पैसे जुटाकर उनकी मदद की जा सके। बताया गया है कि सोमवार तक सुभद्रा को क्राउडफंडिंग से 54 लाख 30 हजार रुपये मिल चुके थे। सुभद्रा नौकरी नहीं कर सकती थीं क्योंकि उनके तीन बेटों में सबसे छोटे को ‘सेरेब्रल पाल्सी’ (Cerebral Palsy) की समस्या है। ऐसे में उस बच्चे की निरंतर देखभाल की आवश्यकता होती है। 

    टीचर गिरिजा ने की महिला की मदद 

    बता दें कि बीते शुक्रवार को सुभद्रा स्थानीय स्कूल की टीचर गिरिजा हरिकुमार के पास मदद के लिए पहुंचीं थीं, क्योंकि उनके बच्चों के पास खाने के लिए कुछ नहीं था। सुभद्रा की बात सुनकर गिरिजा ने उन्हें 1,000 रुपये दिए। इसके बाद टीचर गिरिजा सुभद्रा के घर गईं और पाया कि वे सच में बहुत गरीबी में जीवन व्यतीत कर रही थीं। रसोई में मुट्ठी भर अनाज था गिरिजा कहती हैं- रसोई में मुट्ठी भर अनाज था और बच्चों के पास खाने के लिए कुछ नहीं था।  मैंने सोचा कि सुभद्रा को छोटी रकम देने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह परिवार के लिए अपर्याप्त होगा। 

     

    क्राउडफंडिंग अभियान से जुटाए 50 लाख रुपये

    इसलिए क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया, ताकि बड़ी रकम इकट्ठी की जा सके। गिरिजा हरिकुमार ने सुभद्रा के परिवार की हालत के बारे में फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी। इस पोस्ट में उन्होंने लोगों से सुभद्रा की मदद करने की अपील की। पोस्ट में सुभद्रा के बैंक खाते की डिटेल भी दी गई थी।  देखते ही देखते पोस्ट वायरल हो गई और सुभद्रा के खाते में 50 लाख रुपये से अधिक आ गए। अजनबियों ने उनके खाते में जमकर दान किया।