Harassment
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    नयी दिल्ली. एक बड़ी ही अचरज वाली खबर के अनुसार, मोरक्को विश्वविद्यालय (Moroccan University) के 4 लेक्चरार बीते मंगलवार को अदालत में पेश हुए। उन पर आरोप था कि वे अच्छे ग्रेड के लिए सेक्स (Sex) का व्यापार कररहे थे। वहीं पांचवे लेक्चरर पर अभद्रता और मारपीट के और भी अति गंभीर आरोप हैं।  

    उक्त लेक्चरार को भी बीते बुधवार को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया।  घटना के अनुसार यह मामला सितंबर में शुरू हुआ, जब मोरक्को की मीडिया ने सोशल मीडिया पर लेक्चररों और छात्रों के बीच कथित रूप से आदान-प्रदान किए गए मैसेजेस को लीक किया।  इस पार एएफपी ने सूत्रों के अनुसार कहा कि ये चार आरोपी, जिनमें से सभी कैसाब्लांका के पास सेट्टाट में हसन I विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं, उन पर “भ्रष्टाचार के लिए उकसाने”, लिंग भेदभाव और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के भी जघन्य आरोप हैं। 

    इधर मोरक्कन मीडिया के अनुसार सुनवाई को आगामी 14 दिसंबर तक के लिए टाल दी गई है।  वहीं तीन प्रतिवादी अभी हिरासत में हैं।  हाल के वर्षों में हाई-प्रोफाइल यौन उत्पीड़न घोटालों की एक सीरिज ने मोरक्को के विश्वविद्यालयों को जैसे हिलाकर रख दिया है, लेकिन इनमे से अधिकांश का कोई भी परीक्षण नहीं हुआ है, दोषसिद्धि की तो हम बात ही छोड़ देते हैं। 

    इस घटना पर अधिकतर अधिकार समूहों का कहना है कि मोरक्को में यौन हिंसा बहुत ज्यादा व्यापक है, लेकिन रूढ़िवादी समाज के दबाव के चलते महिलाएं यहाँ प्रतिशोध या अपनी पारिवारिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के डर से यौन हिंसा की रिपोर्ट करने से भी अब हिचक रही हैं।

    लेकिन फिर बीते 2018 में वर्षों की तीखी और गर्म बहस के बाद, आखिरकार “उत्पीड़न, आक्रामकता, यौन शोषण या दुर्व्यवहार” के अपराधियों को जेल की सजा के साथ दंडित करने की अनुमति देने के लिए कानून में जरुरी बदलाव लाया गया।  लेकिन इस पर कुछ बुद्धिजीवी लोगों का तर्क है कि यह नया कानून अभी भी महिलाओं को व्यापक यौन हिंसा से बचाने में पूरी तरह से विफल है।