नई दिल्ली: जैसा की हम सब जानते है इस समय हर जगह शादियों का सीजन चल रहा है। इसलिए आए दिन शादी में अजीबोगरीब घटनाएं सामने आती रहती हैं जिन्हें पढ़कर हम चौंक जाते है। इन दिनों ऐसी ही एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। शादी के मंडप में दूल्हे का स्वागत किया गया। सुबह वर-वधु की सप्तपदी होने वाली थी। दुल्हन अचानक पेट में दर्द होने का हवाला देकर मंडप से घर में दाखिल हुई और पिछले दरवाजे से प्रेमी के साथ भाग गई। इस घटना से सनसनी मच गई। आइए जानते है पूरी खबर…
जी हां जैसे ही इस बात का पता चला तो इसके बाद सभी हैरान रह गए। इसलिए दूल्हे ने दुल्हन को अपने साथ ले जाने का फैसला किया और उसके वापस आने तक दुल्हन के घर पर ही दूल्हा बैठा रहा रहा। आपको बता दें कि 13 दिन बाद दुल्हन घर लौटी। बाकी रीति रिवाज पूरे करके दुल्हन को विदा किया गया।
दरअसल ये चौंका देने वाली घटना राजस्थान के पाली जिले की है। यहां सैना गांव में मनीषा नाम की युवती की शादी हुई है। उसकी शादी सिरोही जिले के मनदर गांव के श्रवण कुमार से हुई थी। तय किए गए तारीख के अनुसार दूल्हा 3 मई को दुल्हन को लेने सैना गांव पहुंचे। दुल्हन के लोगों ने बाराती का स्वागत किया। सब कुछ अच्छा शुरू होता है। ऐसे में बीते 4 मई की सुबह दुल्हन को सात फेरों के लिए के लिए सुबह 6:15 बजे मंडप में बुलाने को कहा। लेकिन तबीयत ठीक नहीं होने पर उन्होंने कुछ देर इंतजार करने को कहा।
दुल्हन मनीषा पेट में दर्द और उल्टी होने का हवाला देकर घर के पिछले हिस्से में बनी टंकी पर चली गई। उसका प्रेमी, जो उसका चचेरा भाई था, पहले से ही वहां मौजूद था। वह उसके साथ फरार हो गई। मनीषा काफी देर तक वापस नहीं आई तो उसकी मौसी ने जाकर देखा। उसके नहीं होने से घर के लोग सहम गए।
दुल्हन के पिता सकाराम ने कहा कि उनकी बेटी मनीषा सप्तपदी से पहले तैयार होने के लिए कमरे में चली गई थी। इसी बीच उसने पेट में दर्द होने का कारण बताया और शौच जाने की बात कहकर घर के पिछले हिस्से में चली गई। जहां अपहरणकर्ता पहले ही पहुंच चुका था। उन्होंने कहा कि आरोपी मामा शिवलाल का पुत्र भरत कुमार है।
इस बीच दूल्हे के परिजन दुल्हन को ले जाने का इंतजार कर रहे थे। वह 13 दिन तक अपनी दुल्हन के घर रहा। दुल्हन का इंतजार करते हुए दूल्हे ने अपनी पगड़ी भी नहीं उतारी थी। उसने कहा कि अगर वह अपनी दुल्हन को साथ लिए बिना गांव जाएगा तो उसकी बदनामी होगी। इतनी देर तक घर के आंगन में वही मंडप रहा। बाद में पता चला कि 15 मई यानी 13 दिन बाद पत्नी को किसी तरह गुजरात से लाया गया। बाद में, 16 मई को प्रतीक्षारत दूल्हे से उसकी शादी हो गई और उसे विदा कर दिया गया।