Rare Leopard Gecko Lizard found in the village
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    मुंबई : छिपकली (lizard)आमतौर पर तो एक ऐसा जानवर (Animal)है। जिसे कोई खरीदना तो दूर इसे छुना (Touch)भी ना चाहेगा। क्योंकि, ये दिखने में बेहद भयानक (Dangerous )होते हैं। लोग इन्हें अपने आस-पास भी नहीं देखना चाहते, लेकिन अगर हम आपसे ये कहें कि मात्र एक छिपकली आपको मिनटों में लखपति बना सकती है तो? शायद आपको मेरी बात पर जरा भी यकीन नहीं होगा। तो चलिए, आज हम आपको एक ऐसी ही छिपकली से रूबरू करवाते हैं। जिसके बारे में जानकर आप अपने दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे।

    दरअसल, इस छिपकली का नाम ‘गीको’ (Gecko lizard) है जिसे मात्र साधारण छिपकली मानना आपकी सबसे बड़ी भूल होगी। क्योंकि, ये छिपकली इतनी खास है कि मात्र एक गीको छिपकली की कीमत लक्ज़री कार बीएमडब्ल्यू और फरारी के बराबर है। बता दें, इस छिपकली की कीमत इसके साइज के हिसाब से तय की जाती है और आपको ये जानकर बेहद हैरानी होगी कि एक एवरेज छिपकली की कीमत करीब 70-80 लाख रुपए तक होती है। अगर छिपकली का साइज उससे बड़ा रहा तो इसकी कीमत करोड़ रुपये से ऊपर भी जा सकती है।  

    कहां पाई जाती है ‘गीको छिपकली’

    गौरतलब है कि यह छिपकली पूरी दुनिया में सिर्फ भारत के बिहार और नेपाल की सीमा के जंगलों में पाई जाती हैं। अब ये छिपकली दुनिया में बहुत ही कम बची हैं। बता दें, भारत में गीको छिपकली की बिक्री और खरीदी दोनों पर ही कानूनी तौर पर पाबंदी है और इसे  वाइल्ड लाइफ ऐक्ट 1972 (Wildlife Protection Act, 1972) के शेड्यूल थ्री के तहत लिस्टेड किया जा चुका है।  

    क्यों है गीको छिपकली का डिमांड 

    दरअसल, गीको छिपकली का उपयोग बहुत सी बीमारियों की दवाइयां बनाने में किया जाता है। जानकारी के अनुसार गीको छिपकली की मदद से डायबिटीज (Diabetes), नपुंसकता, एड्स और कैंसर (AIDS and Cancer) जैसी कई अन्य जानलेवा बीमारियों में फायदा पहुंचता है। चीन में कई पारंपरिक दवाई बनाने में इसका यूज होता है। यही कारण गीको छिपकली को बेशकीमती बनाती हैं।