Arati Saha
Arati Saha

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    आज भारत की लंबी तैराक दुरी तैराक आरती साहा की जयंती है। आज ही के दिन 24 सितंबर 1940 में उनका जन्म हुआ था। आज पूरा देश उनकी जयंती मना रहा है। वह भारतीय लंबी दूरी की तैराक थी। उनका जन्म कोलकाता में 1940 को हुआ था। आरती साहा (Arati Saha) इंग्लिश चैनल के पार तैरने वाली पहली एशियाई महिला बनीं।

    आरती साहा के इस कारमाने को बहुत ही बड़ा माना जाता है।  बचपन से ही आरती साहा तैराकी करती थी। हैरानी की बात तो यह है कि उन्होंने तैराकी में अपना पहला स्वर्ण पदक तब जीता जब वह सिर्फ 5 साल की थी।

    उन्होंने केप ग्रिस नेज़, फ्रांस से सैंडगेट, इंग्लैंड तक 42 मील की दूरी तय की थी। 19 साल की उम्र में आरती साहा ने इंग्लिश चैनल को पार करके इतिहास रच दिया। उनके इस कारनामे से दुनिया हैरान थी।

    आज उनकी जयंती पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) इस पोस्ट लिखकर उन्हें याद किया है। उन्होंने आरती साहा की एक तस्वीर शेयर की है। तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा है कि इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाली प्रसिद्ध भारतीय तैराक पद्मश्री आरती साहा जी को जयंती पर विनम्र अभिवादन।

    आरती साहा 11 साल की उम्र में फिनलैंड की हेलसिंकी में 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में नए स्वतंत्र भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली टीम की सबसे कम उम्र की सदस्य बन गईं और आरती ने  इंग्लिश चैनल को पार करने का प्रयास 18 साल की उम्र में किया था  19 साल की उम्र में इंग्लिश चैनल को तैरकर पार करने वाली पहली एशियाई महिला बन गई।

    आरती को 1960 में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली महिला बनीं। भारतीय डाक ने महिलाओं को प्रेरित करने के लिए उनके नाम से 1988 में एक डाक टिकट भी जारी किया गया।