अजीबोगरीब: 1400 दिन से नहीं सोई ये महिला, अब हो गई है ऐसी हालत….

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    नई दिल्ली: सोना यानी नींद पूरी होना हम सभी के लिए बेहद जरुरी है। अगर हमारी नींद कुछ घंटे भी कम हो जाए तो इसका असर सीधे हमारे सेहत पर होता है। जी हां हमें कम से कम 6-7 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। लेकिन अब हम आपको एक ऐसी खबर बताने जा रहे है जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे। दरअसल एक 39 वर्षीय महिला है जो 4 साल से वो सोई नहीं है। आइए जानते है आखिर इसके पीछे क्या वजह है… 

    जी हां इस महिला का कहना है कि वह 1460 दिनों से सोई नहीं है। आपको बता दें कि इस महिला को  एक दुर्लभ विकार (Rare Sleep Disorder) सोमनिफोबिया (Homophobia) के कारण उसे नींद नहीं आती। बता दें कि इस बीमारी का इलाज करवाने के लिए उसने अपनी बचत की सारी रकम खर्च कर दी। 

    महिला ने बयां किया दर्द 

    ‘द सन’ के मुताबिक, महिला का नाम मालगोरज़ाटा स्लिविंस्का (Malgorzata Sliwinska) है जो पोलैंड की रहने वाली हैं। मालगोरज़ाटा कहती हैं कि ”लोगों को एक रात नींद ना आए तो उनका बुरा हाल हो जाता है, लेकिन मैं कई हफ्तों तक नींद नहीं ले पाती हूं। डॉक्टरों ने इसके पीछे की वजह सोमनिफोबिया नामक दुर्लभ विकार को बताया है।”

    मालगोरज़ाटा का कहना है- “नींद नहीं ले पाने के कारण मुझे तेज सिरदर्द होता है और मेरी आंखें इतनी शुष्क हो जाती हैं कि ऐसा लगता है कि जैसे वे जल रही हैं।” अपने दर्द को शेयर करते हुए मालगोरज़ाटा ने आगे कहा- “मेरी शॉर्ट टर्म मेमोरी पूरी तरह से चली गई है और मैं अक्सर बिना किसी कारण के खुद की आंखों में आंसू पाती हूं।”

    नींद नहीं आने से ऐसी हुई महिला की हालत 

    इस महिला का कहना है कि नींद नहीं आने से जिंदगी बर्बाद हो रही! हम सब जानते है कि नींद पूरी न होने से कई तरह के शारीरिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती है। 39 वर्षीय मालगोरज़ाटा ने बताया कि सोमनिफोबिया के कारण मेरा शरीर बहुत कमजोर हो गया। इतना ही नहीं बल्कि इस बीमारी के चलते ऑफिस से लंबी छुट्टी लेने के बाद नौकरी भी चली गई। 

    साथ ही इस बीमारी के इलाज में जमा-पूंजी भी खर्च हो गई, लेकिन कोई खास फायदा नहीं हो सका। बात यहां तक ही नहीं बिगड़ी बल्कि इस दुर्लभ बीमारी के कारण उसके बेटे और पति के साथ संबंध भी बिगड़ने लगे। 

    कब शुरू हुई ये बीमारी? 

    अब आपके मन में ये सवाल आया होगा कि आखरी यह बीमारी कब शुरू हुई तो चलिए इस बारें में भी हम जानते है। दरअसल मालगोरज़ाटा के अनुसार, सितंबर 2017 में रविवार की शाम को परिवार के लोग स्पेन से छुट्टी बिताकर लौटे थे। इस दिन किसी कारण से उसको नींद नहीं आ रही थी।

    उस दिन को याद करते मालगोरज़ाटा कहती है- “मैं लेट गई और बिस्तर पर करवटें बदलती रही, यह सोचकर कि नींद आ ही जाएगी। लेकिन वो नहीं आई। आखिरकार, जब घड़ी में सुबह के 5.30 बजे तो बिस्तर से बाहर निकली और फ्रेश होकर काम पर चली गई। लेकिन इसके बाद मालगोरज़ाटा के साथ नींद नहीं आने का जैसे नियम सा बन गया था। 

    नींद आने के लिए कई उपाय 

    इस बीमारी से महिला बहुत परेशान थी। नींद आने के लिए वह तरह-तरह के उपाय करती थी ताकि उसे नींद आ जाएं। कभी गरम पानी से नहाती तो कभी किताबें पढ़ती थी। मालगोरज़ाटा कहती हैं- “मैंने हर कोशिश की। सोने से तीन घंटे पहले टीवी बंद करना, एक्यूपंक्चर, मालिश, संगीत सब ट्राई किया लेकिन नींद नहीं आई।

    मुझे एक हल्की नींद की गोली भी दी गई थी, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ। मेरा दिमाग हाई अलर्ट पर रहता, यह कभी बंद नहीं होता।” मालगोरज़ाटा ने कहा कि अनिद्रा का यह चक्र पूरे दो हफ्ते तक चला और इसके बाद ये मेरे जीवन का हिस्सा बन गया।

     इलाज के बाद हुई ऐसी हालत 

    मालगोरज़ाटा स्लिविंस्का कहती हैं कि नींद की गोलियों ने उसे कुछ घंटों की नींद दिलाने में मदद तो की, लेकिन वे मेरे स्वास्थ्य को और भी ज्यादा बिगाड़  रही थीं। इस बीमारी से निकलने के लिए सितंबर 2018 से फरवरी 2019 तक छह महीने के लिए और फिर जून 2019 से सितंबर 2019 तक उन्होंने मनोवैज्ञानिक चिकित्सा का सहारा लिया। 

    अंत में एक निजी डॉक्टर ने उसे नींद की गोली Zolpidem दी, जो काम कर गई। लेकिन इससे उसे नशे की लत लगने लगी और जब उसने गोलियां लेना बंद कर दिया, तो परिणाम हानिकारक हुए। मालगोरज़ाटा के मुताबिक, “अगस्त 2018 में पूरे तीन हफ्तों तक उसे एक पल भी नींद नहीं आई। ये समय किसी यातना के एक रूप झेला।” उस समय वह बेहद शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझ रही थी। 

    इतने सब यातनाओं से गुजरने के बाद महिला ने मनोचिकित्सक से इलाज शुरू करवाया। जी हां इस बीच मालगोरज़ाटा ने अपनी अनिद्रा के लिए फिर से निजी उपचार लेने का फैसला किया। एक मनोचिकित्सक की दवा से वह हफ्ते में एक रात सोने में सक्षम हो सकी थी। आपको बता दें कि दो वर्षों तक चले इस इलाज में लाखों रुपये खर्च हो गए। इस इलाज के दौरान बचत के पैसे भी खत्म हो गए। 

    इस तरह बीमारी से मिला छुटकारा 

    मालगोरज़ाटा ने नींद आने के लिए विभिन्न दवाओं से लेकर कई तरह की चिकित्सा पद्धति तक, सब कुछ आजमाया। इस साल की शुरुआत में सफलता मिली आखिरकार, इस साल की शुरुआत में उसे सफलता मिली। मालगोरज़ाटा ने बताया- “मैंने ज़ूम कॉल पर पोलैंड के एक विशेषज्ञ से सलाह ली, जिसने मुझे सोमनिफोबिया नामक इस विकार का इलाज बताया।”

    अब मालगोरज़ाटा नींद की गोलियों की मदद से हर हफ्ते लगभग दो या तीन रातें सो पाती हैं। वह बिस्तर पर जाने से पहले अपनी चिंता को कम करने के लिए भी कदम उठा रही है, जिसमें हर दिन 10,000 कदम चलना और योग और ध्यान का अभ्यास करना शामिल है। वह सीबीटी थेरेपी की कोशिश कर रही हैं और हाल ही में एक नया पार्ट टाइम जॉब शुरू की है। अब जाकर इस महिला की जिंदगी आम हुई है।