Pic : @VivekKumar_IND
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नई दिल्ली : भगवान कृष्ण (Lord Krishna) को प्यार-दुलार करने वाली यशोदा मां को कौन नहीं जानता। यशोदा मां से जुड़े कई किस्से और कहानियां हमने सुनी है। मगर क्या आपने कभी सचमुच में यशोदा मां को धरती पर देखा है? सोशल मीडिया पर इस वक्त एक ऐसी ही खबर सुर्खियों में बनी हुई है। दरअसल, यह कहानी मथुरा (Mathura) में श्री बांके बिहारी मंदिर के गेट नंबर चार पर पिछले 40 वर्षों से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के जूते-चप्पलों की रखवाली करने वाली मां की है।

जिन्होंने श्रद्धालुओं के जूते-चप्पलों की रखवाली करके 51 लाख 10  हजार रुपए की रकम से एक गौशाला मंदिर धर्मशाला (Gaushala Temple Dharamshala) का निर्माण कर डाला। जी  हां, आपने बिल्कुल सही सुना। बता दें कि विवेक पांडेय ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी है।  उन्होंने बताया की मां यशोदा दासी करीब 40 साल पहले सब कुछ छोड़कर वृन्दावन आ गयी और भगवान की भक्ति में खो गयी। यशोदा दासी का असली नाम फूलमती है और वो मूल रूप से मध्य प्रदेश के कटनी के हीरागंज इलाके के एक सम्पन्न परिवार से ताल्लुक रखने वाली महिला है। 

वो अपने जवान बेटे, बेटी और पति की असमय हुई मौत से विचलित होकर भगवान की शरण मे वृन्दावन आ गयी थीं। यशोदा जी की कमाई से सिर्फ उससे यहां गौशाला बनाना संभव नहीं था तो इन्होंने अपने कटनी वाले दो मकानों को बेच दिए और बाँकेबिहारी मंदिर समीप ही एक गौशाला का निर्माण करा दिया। 

इतना ही नहीं साथ ही साथ एक आश्रम के निर्माण के लिए 11 लाख रुपये भी दान कर दिए। इंसान जब मोह से व्यथित होता है तब धर्म की शरण में ही शांति मिलती है। माता यशोदा की अभी एक और इच्छा है कि वो भगवान कृष्ण की प्रियतमा राधा रानी के गांव बरसाना मे भी एक गौशाला का निर्माण करवा पायें।