1.17 लाख हे. की सोयाबीन फसल बर्बाद कृषि विभाग का सर्वे

  • 7 तहसिलों में पुर्ण हुआ सर्वे

Loading

वर्धा. निरंतर बारीश व इल्लीयों के प्रकोप से जिले में करीब 1 लाख 17 हेक्टयर की सोयाबीन फसल तथा अतिवृष्टी से 1020 हेक्टयर की फसल बर्बाद होने की जानकारी कृषि विभाग के सर्वे में सामने आयी है. यह नुकसान 85 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान कृषि विभाग ने लगाया है. जिससे इस वर्ष सोयाबीन की फसल किसानों के लिये घाटे की साबित हुई है.

मौसम विभाग ने अच्छी बारीश होने का अनुमान जताने के कारण किसानों ने सोयाबीन का बौआई क्षेत्र बढाया था. क्योंकि सोयाबीन निकलने के बाद किसान रब्बी में गेंहू अथवा चने की फसल ले सकते है़ दुगना उत्पादन होने के कारण सोयाबीन का क्षेत्र बढ गया था. नतिजन मार्केट में सोयाबीन बिज की किल्लत भी बढ गई थी. यहां वहां से इंतजाम कर किसानों ने 1 लाख 38 हजार 241 हेक्टर क्षेत्र में बोआई की. समुद्रपुर तहसील में 22 हजार 888 हेक्ट., वर्धा 20 हजार 64 हेक्ट., देवली 19 हजार 852 हेक्ट., हिंगनघाट 18 हजार 246 हेक्ट., सेलु 18 हजार 207 हेक्ट., कारंजा 14 हजार 825 हेक्ट., आर्वी 13 हजार 476 हेक्ट., आष्टी 10 हजार 682 हेक्टर में सोयाबीन का क्षेत्र था. शुरू में बारीश अच्छी होने के कारण सोयाबीन की फसल से किसानों की उम्मीदे बढी थी. किंतु निरंतर बारीश व अचानक खोड इल्ली का प्रकोप बढने से सोयाबीन की फसल पर बुरा असर पडने लगा.

प्रथमत: खोड इल्ली आने के कारण उसका नियोजन किसान कर नही सके. जिससे इल्लीयों ने फसल चौपट कर डाली. उपर से भरीभरी दिखनेवाली सोयाबीन फसल अंदर से खोकली हो गई. परिणामस्वरूप पौधें में जान नही बचने के कारण लगी हुई फल्लीयां मुरझाकर जमीन पर गिर गई. जो बची यह पौधों में ताकद नहीं होने के कारण भर नही सकी. साथ फल्लीयों पर भी इल्लीयों का आक्रमन रहा. पुरी फसल तबाह होने के बाद किसानों के होश उडे.

कृषि विभाग की और बढी शिकायतें

सोयाबीन की फसल इल्लीयों के कारण चौपट होने के बाद कृषि विभाग की और शिकायतों की झडी लग गई.हर गावं से नुकसान की जानकारी आने के बाद वरिष्ठों के निर्देश से कृषि विभाग ने सर्वे शुरू किया.जिसमें सोयाबीन की फसल बर्बाद होने से किसानों का भारी नुकसान होने की जानकारी सामने आयी.

7 तहसिलों का सर्वे पुर्ण

कृषि विभाग ने जिले के 8 तहसिलों में सर्वे किया. वर्धा तहसिल छोड अन्य तहसिलों का सर्वे पुर्ण हुआ है. 7 तहसिलों में 98 हजार 842 हेक्टर क्षेत्र की सोयाबीन फसल बर्बाद हुई है.वर्धा तहसिल का सर्वे अबतक पुर्ण नही हुआ.वर्धा तहसील में 15 से 16 हजार हेक्टर फसल का नुकसान होने का अनुमान कृषि विभाग ने लगाया है.वही अतिवृष्टी से जून से सितंबर तक 2024 किसानों के 1029 हेक्टर क्षेत्र की फसल का नुकसान हुआ है.  

अनेकों ने नही निकाला बिमा

इस वर्ष फसल बिमा सक्ती का नही होने के कारण अनेक किसानों ने बिमा नही निकाला. जिलें में 27 हजार 766 किसानों ने बिमा निकालने की जानकारी कृषि विभाग ने दी. बिमे में 25 हजार 27 हेक्टर क्षेत्र संरक्षित किया गया. प्रिमीयम के रूप में किसानों ने 4 करोड 44 लाख 28 हजार 404 रूपयों का भुगतान किया.

आयुक्तालय को भेजा जायेगा प्रस्ताव : जिले के 8 तहसिलों का सर्वे कार्य किया गया. वर्धा तहसील की रिपोर्ट आने के उपरांत प्रपत्र में जानकारी भरकर जिलाधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी व जिला कृषि अधीक्षक के हस्ताक्षर से नुकसान की जानकारी कृषि आयुक्तालय व विभागीय आयुक्त को प्रस्ताव भेजा जायेगा. जिसके बाद उनके माध्यम से सरकार की और भेजा जायेगा. निरंतर बारीश से कपास की फसल.

-अनिल इंगले, जिला कृषि अधीक्षक, वर्धा