खुद के खर्च से लागाए 100 आम के पेड, महिला वनरक्षक का उपक्रम

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    आष्टी शहीद: सं. आष्टी वनविभाग अंतर्गत आनेवाले पिलापुर सहवनक्षेत्र तथा सुजातपुर नियतक्षेत्र कक्ष क्रमांक 16 संरक्षितवन में स्वाती रविंद्र कडू इस महिला वनरक्षक ने खुद के खर्च से 100 आम के पेड की बुआई कर उनका उचित संवर्धन कर वृक्ष वल्ली आम्हा सोयरे वनचरे का संदेश दिया है.

    वन की रक्षा व संवर्धन करने शासन द्वारा अनेक उपक्रम चलाए जाते है. पर्यावरणीय जीवनचक्र के अनेक घटक एकदूसरे पर निर्भर रहते है. उसी तरह मनुष्य यह पहले से ही जंगल पर निर्भर है. जिससे एक अभिनव उपक्रम वनविभाग अंतर्गत आनेवाले पिलापुर, सुजातपुर कक्ष क्रमांक 16 में सरक्षित वन एक महिला वनरक्षक ने चलाया है. स्वाती कडू ने वर्ष 2018-19 में 100 आम के वृक्ष खुद के खर्च से लगाए.

    ग्रीष्म में पानी की व्यवस्था नही होने से उन पेडों की वृद्धि पर परिणाम न हो, इस लिए टैंकर से जलापूर्ति कर पेडों को जीवित रखा. उनके इस कार्य से पर्यावरण के प्रति उनका प्रेम व्यक्त हो रहा है. मनुष्य ने सभी ओर पर्यावरण का र्हास करने शुरु किया है. प्राणवायु देनेवाले वृक्ष की अवैध कटाई से पर्यावरण का –हास हो रहा है. ऐसे में स्वाती कडु के इस उपक्रम की सभी ओर प्रशंसा की जा रही है.

    एक माह पूर्व रात के समय जंगल में आग लगने की जानकारी मिलते ही स्वाती कडू ने रात डेढ बजे सहकारियों से चर्चा कर जंगल में गश्त देकर वन की सुरक्षा की थी. इस वनक्षेत्र में तेंदुआ है. जंगल में अकेले घुमने की हिम्मत नही होती. ऐसे परिस्थिति में भीम हिला वनकर्मचारी अपना कार्य इमानदारी से कार्य कर रही है.

    हर काम पर नजर

    जंगल से गश्त लगाना, रात में जांच करना, घुमते पथक द्वारा छापा मारकर, वन्यजीवों की रक्षा, पानी के तालाबों पर नजर रखना, ऐसे अनेक काम महिला वनरक्षक स्वाती कडू कर रही है.

    एक पेड जरुरी लगाएं

    वनों की रक्षा व संवर्धन करने प्रयासरत हूं. हमारे लिए तथा भावी पीढी के लिए हर एक व्यक्ति ने एक पेड लगाकर उसका संवर्धन करना चाहिए. जिससे आनेवाले अनेक प्राकृतिक संकट रोके जा सकते है तथा शाश्वत विकास भी प्रत्यक्ष किया जा सकता है.- स्वाती रविंद्र कडू, वनरक्षक, वनविभाग आष्टी

    इतनी सक्रिय महिला वनरक्षक नही देखी

    सुजातपुर के बिट का चार्ज स्वाती कडू पर है. जब वे कार्यरत हुई है तब से सुजातपुर बिट में वनविभाग के काम खुद संभाल रही है. इतनी सक्रिय महिला वनरक्षक इससे पहले नही देखी.-सचिन होले, नागरीक ,लहान आर्वी