Acharya Vinoba Bhave Rural Hospital, Sawangi, Wardha

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    वर्धा. नियमित प्रमाण से अधिक हृदयगति बढ़ने से इलाज के लिए दाखिल हुए 11 मरीजों पर सावंगी स्थित आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल के हृदयरोग विभाग में अत्याधुनिक पद्धति से सफल इलाज किए गए़  इसके पहले जनवरी माह में चलाई गई योजना में इस प्रक्रिया के माध्यम से नौ मरीजों पर इलाज किए थे.

    हृदयोपचार की रेडियोफ्रिक्वेन्सी अब्लेशन प्रोसिजर का कुछ ही अस्पताल में अवलंब होता है, जिसमें सावंगी अस्पताल का समावेश है, यह जानकारी हृदयरोग विशेषज्ञ डा. चेतन राठी ने ने दी. हृदयों की गति सामान्यत: प्रति मिनट 60 से 100 पल्स की रहती है़  लेकिन कुछ व्यक्तियों की हृदय गति प्रतिमिनिट 180 से 200 पल्स होने से खतरा रोकने के लिए इस प्रकार के एरिथिमिया मरीजों पर इलाज करने के लिए उनके हृदयगति सामान्य करने की जरूरत रहती है.  

    शिविर में विदर्भ के मिले मरीज

    सावंगी मेघे अस्पताल द्वारा दूसरे चरण में आयोजित विशेष हृदयरोग जांच शिविर में विदर्भ के ऐसे 11 मरीज इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी अभ्यास के दौरान पाए गए है़ं  इन मरीजों पर अन्य किसी भी प्रकार की ओपन सर्जरी न करते हुए रेडियोफ्रिक्वेन्सी अब्लेशन प्रक्रिया द्वारा इलाज किया गया़  इस प्रक्रिया में हृदय गति की जांच कर इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी द्वारा हृदयगति सामान्य की जाती है़  जिसके लिए ओपन सर्जरी न करते हुए पैर से छोटा वायर डालकर दुर्बिन द्वारा हृदय का आकुंचित भाग खुला किया जाता है़  यह प्रक्रिया मरीजों को तत्काल राहत देनेवाली है़  जिसके बाद मरीज तत्काल अपने कार्य शुरू कर सकता है़  साथ ही मरीज को जीवनभर दवाई लेने की जरूरत नहीं रहती.

    मरीजों का नि:शुल्क इलाज

    राज्य सरकार द्वारा महात्मा ज्योतिबा फुले जनस्वास्थ्य योजना के अंतर्गत अमरावती निवासी प्रवीण चिरोडे, फरजाना बानो, प्रदीप सदाशिव, नंदकिशोर दहीकर, नागपूर निवासी सुखदेव हुमे, विद्या भोयर, विलास बावणे, यवतमाल निवासी गजानन सावदे, बुलडाना निवासी शत्रुघ्न इंगले, वर्धा निवासी मन्नत पाखरानी, प्रकाश आकरे इन मरीजों को नि:शुल्क इलाज मिला है़  इस उपचार प्रक्रिया में  विशेषज्ञ डॉ. दलजीत कौर (हैदराबाद) और डॉ. चेतन राठी यांना हृदयरोग डॉ. गजेंद्र अग्रवाल, डॉ. सतीश खडसे, डॉ. आकाश लोहकरे, डॉ. हर्षल पावडे ने सहयोग किया.