Chief Minister's Fund: 23 crore on Kovid-19, 55 crore spent on the rent of migrant laborers

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वर्धा. लॉकडाउन के चलते तामिलनाडू के ठेनी जिले में फंसे महाराष्ट्र के 1,349 नागरिकों को लेकर मदुराई से निकली ट्रेन 25 मई को रात्रि में वर्धा पहुंची. इसमें विदर्भ के 192 नागरिक थे. उन्हें रात्रि में एसटी महामंडल की बस से उनके जिले में छोड़ा गया. इसमें वर्धा, अमरावती, चंद्रपुर, भंडारा, गड़चिरोली, नागपुर, गोंदिया, यवतमाल जिले के विद्यार्थी, नौकरपेशा और कामगारों का समावेश हैं.

लॉकडाउन में महाराष्ट्र के कुछ छात्र, नौकरदार व कामगार अन्य राज्य में फंसे हैं. उन्हें राज्य सरकार की अनुमति लेकर महाराष्ट्र में लाया जा रहा हैं. तामिलनाडू के ठेनी जिले में महाराष्ट्र के 1,349 नागरिक फंसे हुए थे. इसमें पुणे विभाग 302, नाशिक विभाग 101, मराठवाड़ा विभाग 754 तथा विदर्भ के 192 लोगों का समावेश था. उन्हें महाराष्ट्र में पहुंचाने मदुराई से श्रमिक ट्रेन 23 मई को रात 10 बजे निकली, जो 25 मई को पहुंची. पुणे, मनमाड, परभणी में ट्रेन को स्टापेज दिया गया था. नागरिकों को उन स्टापेज पर छोड़ते हुए आखरी में वर्धा पहुंची. विदर्भ के 192 नागरिकों को वर्धा रेलवे स्टेशन पर उतारा गया. 192 यात्रियों में 7 बालको का समावेश था. रेलवे स्टेशन पर दो स्वास्थ्य पथक ने वैद्यकीय जांच की. उनमें कोरोना के कोई भी लक्षण दिखायी नहीं दिए. रेलवे से आए नागरिकों को रात्रि में उनके जिले में बस से पहुंचाया गया. इसमें अकोला 2, अमरावती 32, चंद्रपुर 21, भंडारा 25, गड़चिरोली 23, नागपुर 33, गोंदिया 33, यवतमाल 2 और वर्धा के 14 नागरिको का समावेश था. इसके लिए महामंडल के 10 बसेस का उपयोग किया गया.