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    वर्धा. ग्रामीण क्षेत्र में बोगस डाक्टर अपनी दूकानदारी चलाते है़ कम पैसों में दवा व स्वास्थ्य सुविधा मिलने से ग्रामीण के मरीज इन डाक्टरों के पास इलाज कराने जाते है़ इन डाक्टरों द्वारा बिना किसी लाइसेंस के अस्पताल चलाया जाता है़ कई बार गलत दवा से नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में आ जाता है़ कोरोना संकटकाल में जिले में ऐसे 22 बोगस डाक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की. इसमें 20 अस्पतालों को सील किया गया. वहीं अन्य बोगस डाक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की खबर है़ पिछले डेढ़ वर्ष से नागरिक कोरोना संकट का सामना कर रहे है़ इस महामारी की चपेट में आकर अनेकों ने अपनी जान गंवाई.

    कम फीस व सस्ती दवा के बहाने चला रहे थे व्यवसाय  

    दूसरी लहर ने तो शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में भारी नुकसान किया़  सर्वत्र जनजीवन प्रभावित हो गया है़  ऐसे ही अवसर का लाभ कुछ बोगस डाक्टर उठाते नजर आए़ कोरोना संकटकाल में ग्रामीण क्षेत्र में अपनी दूकादारी जमा कर नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते पाये गए़  शहरी डाक्टरों की तुलना में कम फीस व सस्ती दवा मिलने से ग्रामीण भी ऐसे डाक्टरों की बातों में आ जाते है़  कोरोना संकटकाल में ऐसे बोगस डाक्टरों ने अनेक नागरिकों को लूटा है़  इलाज के नाम पर उनसे पैसे निकाले है.  

    सर्वाधिक 10 बोगस डाक्टर समुद्रपुर तहसील में पकड़े गए 

    बिना कोई लाइसेंस व प्रमाणपत्र के ये बोगस डाक्टर गांव में किराये के घरों में अपना अस्पताल शुरू कर देते है़  तो कुछ डाक्टर फोन कॉल पर सेवा प्रदान करते है़  परंतु अधूरा ज्ञान व गंभीर बीमारी की समझ न होने से कई बार उनकी दवा नागरिकों के लिए जानलेवा साबित होती है़  इस संबंध में पिछले दो वर्षों में कई शिकायतें स्वास्थ्य विभाग प्रशासन को मिली थी़  इसमें 6 तहसीलों में 22 बोगस डाक्टरों पर कार्रवाई की गई है़  सर्वाधिक 10 बोगस डाक्टर समुद्रपुर तहसील में मिले है. 

    तहसील   बोगस डाक्टर

    देवली         04

    सेलू           02

    आर्वी          04

    कारंजा घा.    01

    हिंगनघाट      01

    समुद्रपुर       10

    कुल   :       22

    जिला समिति जांच करके लेती है एक्शन 

    बोगस डाक्टरों के संबंध में शिकायत मिलने पर जिलास्तरीय समिति एक्शन लेती है़  जिलाधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी व जिला शल्य चिकित्सक त्रिसदस्यीय समिति इसकी पूर्ण जांच कर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करती है़  शिकायत मिलते ही तहसीलस्तरीय समिति के माध्यम से संबंधित डाक्टर व अस्पताल की संपूर्ण रिपोर्ट मांगी जाती है़  इसके बाद कानून कार्रवाई की जाती है. 

    बहकावे में न आए नागरिक

    सभी लोग कोरोना संक्रमण जैसी महामारी से लड़ रहे है़  ऐसे में कुछ बोगस डाक्टर स्थिति लाभ उठाते है़ं नागरिक मान्यताप्राप्त डाक्टरों के पास ही अपना इलाज करवाए़  बोगस डाक्टरों के बहकावे में न आए.

    -डा़ अजय डवले, जिला स्वास्थ्य अधिकारी.