वर्धा. एमआईडीसी स्थित किराये के वेअर हाउस में रखा अनाज परस्पर बेचकर 2 करोड़ 4 लाख की हेराफेरी करने के मामले में मुख्य आरोपी कैलास काकडे को आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया़ साथ ही संबंधित कंपनी के दो कर्मियों को भी दबोचा गया़ तीनों ने मिलकर पांच किसानों के नाम पर सैकड़ों मीट्रिक टन अनाज की परस्पर बिक्री की थी़ तीनों आरोपियों को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया़, जहां उन्हें 8 जून तक पुलिस कस्टडी सुनाई गई है़ सभी आरोपियों को सेवाग्राम पुलिस को सौंपा गया है.
प्रकरण में आगे की जांच चल रही है़ स्थानीय यशवंत कालोनी निवासी कैलास अजाब काकडे (41) ने सेवाग्राम मार्ग पर एमआईडीसी में पल्लवी वैरागडे से गोदाम किराये पर लिया था, जिसकी देखरेख की जिम्मेवारी जिओकेम कंपनी को सौंपी गई़ उक्त गोदाम में करीब पांच किसानों के नाम से आईडीबीआई बैंक के पास अनाज का संचय गिरवी रखा गया था़ अनाज की देखरेख, क्वालिटी व क्वांटीटी की जिम्मेदारी जिओकेम कंपनी पर थी़ परंतु कंपनी के कर्मचारी मध्यप्रदेश के नेपानगर निवासी विजयसिंग भीमसिंग ठाकुर (49) व गारबेडी निवासी राकेश नजरु कोगे (26) से कैलास काकडे ने मिलीभगत की.
किराए के वेअर हाउस में रखा था राशन
पश्चात तीनों ने मिलकर गोदाम में रखा 112.367 मीट्रिक टन चना कीमत 58 लाख रुपए व 323.04 मीट्रिक टन तुअर जिसकी कीमत 1 करोड़ 46 लाख रुपए सहित कुल 2 करोड़ 4 लाख रुपए का माल परस्पर बेच दिया़ इस काम को 14 अक्टूबर 2017 से 9 दिसंबर 2017 दौरान अंजाम दिया गया था.
जिन पांच किसानों के नाम पर बैंक से कर्ज उठाया गया था, उनके ही दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों का अनाज बेच दिया़ प्रकरण में कंपनी के अधिकारी शशिभूषणसिंह चंद्रमासिंह (37) ने 11 जुलाई 2018 को सेवाग्राम थाने में शिकायत दर्ज की थी़ इस आधार पर सेवाग्राम पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था़ तब से प्रकरण की जांच आर्थिक अपराध शाखा की ओर चल रही थी़
ढाई वर्ष बाद पुलिस ने लिया कब्ज में
आखिरकार ढाई वर्ष बाद आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने 4 जून की दोपहर मुख्य आरोपी काकडे को उसके यशवंत कालोनी स्थित मकान से हिरासत में ले लिया़ वहीं कंपनी के कर्मचारी विजयसिंग ठाकुर व राकेश नजरु कोगे को भी वर्धा से ही हिरासत में लिया गया़ इसके लिए पुलिस टीम ने जाल बिछाये रखा था़ तीनो आरोपियों ने बैंक, कंपनी व किसानों की आंखों में धूल झोंकी थी़ कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक प्रशांत होलकर, अपर पुलिस अधीक्षक यशवंत सोलंकी के मार्गदर्शन में आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक भानुदास पिदुरकर, पुलिस उपनिरीक्षक विवेक लोणकर, पुलिसकर्मी गजानन काले, शैलेश भारशंकर, आशीष महेशगौरी, संतोष जैस्वाल ने अंजाम दिया.