बांधों में पर्याप्त जलसंग्रह, 519.682 दलाघमी संचय

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वर्धा. गत वर्ष वर्धा सहित जिलावासियों को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ा. वहीं बारिश का भी देरी से आगमन हुआ. परंतु इस वर्ष 1 जून से ही मानसून पूर्व बारिश शुरू हो गई हैं. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष पर्याप्त जलभंडार हैं. जिले के 11 बड़े प्रकल्पों में कुल 519.682 दलाघमी जलसंचय हैं. जिले के बोर प्रकल्प में बुधवार की स्थिति में 42.04 फीसदी जलसंचय हैं. निम्न वर्धा बांध में 54.37 फीसदी, धाम प्रकल्प 37.93 फीसदी, पोथरा प्रकल्प 15.93 फीसदी, पंचधारा प्रकल्प 29.25 फीसदी, डोंगरगांव प्रकल्प 43.36 फीसदी, मदन प्रकल्प 48.91 फीसदी, मदन उन्नई प्रकल्प 14.93 फीसदी, लाल नाला प्रकल्प 45.61 फीसदी, वर्धा कार नदी प्रकल्प 29.13 फीसदी तथा सुकली लघु प्रकल्प 44.61 फीसदी जलभंडार है. वहीं गत वर्ष के आंकड़ों पर नजर डाले तो आज की तारीख में अत्यल्प जलभंडार था. इसमें बोर प्रकल्प 11.17 फीसदी, निम्न वर्धा बांध में 4.07 फीसदी, धाम प्रकल्प 1.23 फीसदी, पोथरा प्रकल्प निरंक, पंचधारा प्रकल्प निरंक, डोंगरगांव प्रकल्प 15.71 फीसदी, मदन प्रकल्प निरंक, मदन उन्नई प्रकल्प निरंक, लाल नाला प्रकल्प 15.45 फीसदी, वर्धा कार नदी प्रकल्प 14.89 फीसदी तथा सुकली लघु प्रकल्प पूरी तरह से सूख गया था.

दो दिन में औसत 27.11 मिमी बारिश
जिले में 1 जून से मानसून पूर्व बारिश आरंभ हुई है. गत दो दिनों से वर्धा तहसील में 14.05 मिमी, सेलू 24.00 मिमी, देवली 34.19 मिमी, हिंगनघाट 36.20 मिमी, समुद्रपुर 29.77 मिमी, आर्वी 18.60 मिमी, आष्टी शहीद 28.26 मिमी, कारंजा घाड़गे 31.80 मिमी बारिश दर्ज की गई. जिले में दो दिनों में औसत 27.11 मिमी बारिश दर्ज की गई.