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  • उठानी पड रही मानसिक परेशानी
  • कोरोना जांच को लेकर शिक्षकों में डर

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वर्धा. स्कूले आरंभ करने के संदर्भ में आदेश प्राप्त होते ही सभी शिक्षकों की कोरोना जांच शुरु कर दी है़ परंतु जांच को लेकर शिक्षकों में डर व संभ्रम बना हुआ है. इसका एक चौकानेवाला उदाहरण सामने आया है. शिक्षक की एन्टीजन टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद संदेह के चलते उन्होंने अपनी आरटीपीसीआर टेस्ट करवाई जिसमें वह निगेटिव पाये गए. परंतु इस दौरान संबंधीत शिक्षक व परिवार को चार दिन मानसिक परेशानी का सामना करना पडा.

बता दे कि, कोरोना जांच में अब तक जिले में 67 शिक्षक कोरोनाबाधित पाये गए है. परंतु जिनमें कोरोना के लक्षण भी नहीं, ऐसे लोगो की एन्टीजन जांच पॉजिटिव आने से वें संभ्रम में पड गए है. एक ओर स्वास्थ्य प्रशासन एन्टीजन टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद इसपर अविश्वास न जताये, ऐसा आहवान कर रहा है. परंतु एन्टीजन टेस्ट के बाद आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव आती है, तो इसे क्या कहेंगे? ऐसा सवाल नागरिक व्यक्त कर रहे है. परिणामवश एन्टीजन टेस्ट कराने से नागरिक कतराते नजर आ रहे है.

जिले में 17 नवम्बर से शिक्षकों की कोरोना टेस्ट की जा रही है. इसमें ऐसे ही अनेक चौकानेवाले उदाहरण सामने आये है. परंतु इसका खामियाजा पीडित के पुरे परिवार को भुगतना पड रहा है. हालहि में पिपरी (मेघे) निवासी एक शिक्षक के साथ यह घटना घटी है. संबंधीत शिक्षक ने 23 नवम्बर को देवली ग्रामीण अस्पताल में अपनी एन्टीजन टेस्ट करायी़ इसमें वह कोरोनाबाधित बताये गए़ यह बात सामने आते ही स्वास्थ्य प्रशासन ने उन्हें 14 दिसंबर तक होम क्वारंटाईन रहने के निर्देश दे दिए.

इस बात से पुरा परिवार सदमे में आ गया़ परंतु शिक्षक में सर्दी, खासी, बुखार ऐसे कोई लक्षण न होने से उन्होंने फिर से कोरोना जांच करने का निर्णय लिया़ तीन दिन बाद उन्होंने आरटीपीसीआर टेस्ट करायी़ इसमें शिक्षक की रिपोर्ट निगेटिव बतायी गई. इसकी सूचना स्वास्थ्य प्रशासन को देने के बाद भी उन्हें अब तक होम क्वारंटाईन से मुक्त नहीं किया गया. कोरोना जांच की इस प्रक्रिया से शिक्षक व उनके परिवार को मानसिक परेशानी उठानी पडी़ परिणामवश कोरोना की एन्टीजन टेस्ट को लेकर सर्वत्र संभ्रम व्यक्त किया जा रहा है. स्वास्थ्य प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान दे, ऐसी मांग हो रही है.