Black Fungus Updates: Dangerous cases of black fungus in Mumbai, 3 children had to have their eyes removed
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  • प्रभावितों में 62 महिला, 19 पुरुष
  • 61 मरीजों का किया जा रहा इलाज
  • अब तक उपचार से 19 मरीज स्वस्थ्य

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वर्धा. कोरोना संक्रमणस के साथ-साथ अब ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का संकट निर्माण हो गया है़ जिले में सप्ताहभर से कोरोना मरीजों की संख्या में कमी देखी जा रही है़ इससे थोड़ी बहुत राहत मिल रही है. वहीं अब दिन-ब-दिन बढ़ते ब्लैक फंगस के मरीजों ने प्रशासन का टेन्शन बढ़ा दिया है़ जिले में ब्लैक फंगस से एक की मृत्यु दर्ज होने के साथ ही कुल 81 मरीज पाए जाने की जानकारी है़ इसमें 62 महिला व 19 पुरुष मरीजों का समावेश है़ करीब 19 मरीज स्वस्थ्य हो चुके है.

वर्तमान में 61 मरीजों पर इलाज शुरू है़ राज्य ही नहीं अपितु देश में आये ब्लैक फंगस बीमारी ने स्वास्थ्य विभाग को फिर एक बार चिंता में डाल दिया है़ यह बीमारी काफी हद तक जानलेवा बताई गई है़ कोविडमुक्त होने पर शुरूआती दिनों में मरीज की रोगप्रतिकारक शक्ति कम हो जाती है़ ऐसे समय में ही म्यूकर फंगस मनुष्य के शरीर में नाक के जरिए प्रवेश करता है़ इसके बाद यह मनुष्य के शरीर में आंख, नाक आदि अंगों को डैमेज करने लगता है़ सर्दी, दांत दु:खना, गालों पर सूजन, आंखों के सामने अंधेरा छाना आदि प्राथमिक लक्षण बताये गए है़ इस दौरान सही इलाज होने पर ही इससे बचा जा सकता है.

जानलेवा बन गई बीमारी, ढा रही है कहर  

जिले में गत तीन माह में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया है़  सैकड़ों ने इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवाई है़  परिणामवश प्रशासन को सख्त नियम लगाने पड़े. इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ा. इन नियमों की बदौलत जिले में गत सप्ताहभर से कोरोना संक्रमितों के आंकड़े कम आ रहे है़ साथ ही मृत्यु के आंकड़ों में भी कमी देखने मिल रही है़  जहां कोरोना से भलेही जिले में राहत मिली हो, परंतु ब्लैक फंगस के रूप में नया टेन्शन प्रशासन के सामने खड़ा हो गया है़  अब तक जिले में इसके 81 मरीज पाये गए है़  ब्लैक फंगस से एक मृत्यु के साथ जिले में अपना खाता खोलने के कारण प्रशासन सकते में आ गया है़  इससे निपटने प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है़  जरूरी औषधि का संचय जिले में उपलब्ध बताया गया.

45-60 आयु वर्ग के बीच सर्वाधिक मरीज

जिले में ब्लैक फंगस के कुल 81 मरीज बताये गए़  इसमें 45-60 आयुगुट के सर्वाधिक 39 मरीज मिले है़  इसके अलावा 18 से 45 आयु गुट में 20 व 60 प्लस के 22 लोगो में यह बीमारी पायी गई है.

3 मरीज नॉन कोविड पेशंट भी मिले 

उल्लेखनिय यह कि, अमूमन ब्लैक फंगस यह बीमारी कोरोनामुक्त हुए मरीजों में पायी जाती है़  परंतु जिले में इस बीमारी के 3 मरीज ऐसे मिले हैं कि, जिन्हें कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ था. इससे नागरिकों में भ्रम का वातावरण बना हुआ है़  कोरोनामुक्त हुए 78 लोगों को इस बीमारी ने जकड़ा है़  अब तक 19 मरीज ठीक हुए है़  वहीं 61 पर इलाज शुरू है. 

समय रहते उपचार कराना है आवश्यक

इस बीमारी के प्राथमिक लक्षण पाये जाने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह ले़ं  समय रहते इलाज होने पर बीमारी से स्वस्थ्य हो सकते है़  सीटी स्कैन से बीमारी के नुकसान का स्तर जांचा जा सकता है़  सरकार ने बाधितों पर इलाज के लिए महात्मा ज्योतिराव फुले जनस्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 40 हजार का पैकेज घोषित किया है़  इससे मरीज व परिजनों को राहत मिल रही है़  वहीं इस बीमारी का समय रहते इलाज करने का आह्वान स्वास्थ्य प्रशासन ने किया है.