- बढती महंगाई से व्यवसाय संकट में
वर्धा. दिन ब दिन पेट्रोल-डीजेल का मूल्य बढ रहा है. महंगाई बढ गई है. परंतु बोरवेल निर्माण का मूल्य जस से तस है. गर्मी के दिनों में बोरवेल का निर्माण बडी मात्रा में होता है. ऐसा ही चलता रहा तो हमारा व्यवसाय संकट में आ जाएंगा. परिणामवश मूल्यवृध्दि की मांग को लेकर बोरवेल चालकों ने 20 फरवरी से बेमियादी हडताल शुरु की है. उक्ताशय की जानकारी विदर्भ रिग ओनर वेलफेअर असो. अंतर्गत वर्धा के पदाधिकारियों ने पत्रकार परिषद में दी.
पेट्रोल-डीजेल की कींमते प्रतिदिन बढ रही है. परंतु पिछले कई महिनो से बोरवेल चालक उसी दाम में बोरवेल निर्माण का काम कर रहे है. वाहन में लगनेवाली सामग्री महंगी हो गई है. डीजल के लिए अधिक राशी खर्च हो रही. मजदूरी बढ गई. एक वाहन पर करीब 7 मजदूर काम करते है, उनका वेतन से लेकर रहने व खानपान की व्यवस्था करनी पडती है. वर्तमान स्थिति में निजी बोरवेल निर्माण का मूल्य 90 रु. फीट के हिसाब से होता है. अक्टूबर माह में सरकारी काम के टेंडर निकले. इसमें भी उपरोक्त मूल्य से काम सौंपे गए़ परंतु इस मूल्य से काम करना असंभव हो गया है.
सरकार द्वारा बोरवेल का मूल्य 120 व 122 रु. तक निश्चित किया है. परंतु यह मूल्य हमें नहीं मिल पाता. इससे उपरोक्त व्यवसाय संकट में आ गया है. बोरवेल निर्माण का खर्च काफी बढ गया है. वाहन की दुरुस्ती के लगनेवाली सामग्री व निर्माण सामग्री के दाम बढ गया है. प्रशासन व जनता हमारी समस्या को समजे. जिले में करीब 35 बोरवेल गाडी मालक है. सभी ने मूल्यवृध्दि की मांग को लेकर अपने वाहन नागपुर-यवतमाल बाईपास साटोडा चौराहे पर खडे कर रखे है.
20 फरवरी से शुरु हुई हडताल बेमियादी शुरु रहेंगी, ऐसी जानकारी दी गई़ पत्रपरिषद में असोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनिल जावंधिया, सचिव अविनाश वंजारी, उपाध्यक्ष मनोज वरघने, मुन्ना शंकर, राजू वंजारी सहित अन्य गाडीमाल उपस्थित थे.