sand smuggling
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  • रेत का खेल, आम इंसान फेल
  • हो रहा अवैध उत्खनन, सरकार को लग रहा लाखों का चूना

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गिरड. इन दिनों क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन तेजी से फैल रहा है. राजस्व विभाग की मेहरबानी के बगैर, ऐसा हो नहीं सकता. इसके चलते रेत माफिया प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे हैं. परिणामवश सरकार लाखों रुपयों का राजस्व डूब रहा है. साथ ही पर्यावरण के लिए भी खतरा पैदा हो रहा है. जहां इस रेत के खेल में रेत माफिया मालामाल हो रहे हैं, वहीं आम इंसान को अवैध रेत खरीदने की वजह से जेब को चुना लग रहा है.

बता दे कि, रोजाना आधी रात के बाद से तो सुबह 6 बजे तक रेत का अवैध उत्खनन किया जाता है. इसके बाद ट्रक तथा ट्रैक्टर से रेत का परिवहन किया जाता है. जिलाधिकारी से इस मामले की गहराई से जांच कर रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग नागरिकों ने की है.

सरकारी कार्य अटके, निजी कामों मे भी देरी

लोक निर्माण विभाग, नगर पंचायत, नगरपालिका सहित आरईएस और अन्य विभागों के भवन सहित अन्य निर्माण कार्यो मे रेत की कमी का सीधा असर पड़ रहा है. सरकारी कार्यो में रेत नहीं मिलने के कारण अधिकांश ठेकेदार निर्माण कार्यो से हाथ खींच चुके है. तय कींमत से ज्यादा रेट के कारण ठेकेदार भी मंहगी रेत लेने के चक्कर में नही है.

इसके कारण सरकारी निर्माण भी प्रभावित हो रहे है. यही हाल निजी निर्माण कार्यो का भी है. समय पर और मंहगी रेत के कारण अधिकांश निर्माण कार्यो पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है. डेढ़ गुना अधिक कींमत में आने वाली रेत को लेने वाले मजबूरी में निर्माण जारी रखने के लिए ले रहे है.

अटके पडे है काम – जवादे

अनेक निर्माण कार्य रेत के अभाव में बंद हो पडे है. रेत की कमी से पूरा क्षेत्र परेशान है. अवैध उत्खनन बंद होना एक अच्छा प्रयास है परंतु वैध उत्खनन की दिशा में भी प्रशासन कार्रवाई करे. – प्रकाश जवादे, कांट्रेक्टर

निर्माण कार्यो पर पड़ रहा असर

रेत की कालाबाजारी का सीधा असर निर्माण कार्यो पर पड़ रहा है. मंहगी रेत में भी निर्माण कार्य जारी रखना चुनौती है. जल्द ही इसका हल नहीं निकला तो परेशानी बढ़ जाएगी. आम नागरिकों को रेत की भारी कींमत चुकानी पड रही है. – दीपक पंढरे, नागरिक