कोरोना ने भक्ती पर भी लगाया ग्रहण पुजारियों, सामुग्री विक्रेता पर बैठी मार

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– गजानन गावंडे

वर्धा. कोरोना का असर चारों और हो रहा है. नवरात्रि उत्सव पर भी कोरोना संकट छाने के कारण उसकी मार पुजारियों के साथ पुजन सामुग्री, मंडप सजावट व सामुग्री विक्रेतायों पर पडी है. प्रतिवर्ष नवरात्रि के पूर्व मार्केट में बडी चहलपहल रहती है. साथ ही दुर्गा मंडल व घर–घर पुजा अर्चना होने के कारण पुजारियों की मांग रहती है. किंतु इसबार परिस्थिती विपरित हो गई है.

दुर्गा उत्सव के 9 दिन भक्ती के दिन कहे जाते है. माँ घटस्थापना घर घर में होती है. साथ सार्वजनिक स्थानों पर दुर्गा मंडलों व्दारा प्रतिष्ठापना की जाती है. वर्धा दुर्गा उत्सव विदर्भ में प्रसिद्ध है. परंतु कोरोना इफेक्ट इस वर्ष दुर्गा उत्सव पर हुआ है. कुछ दुर्गा मंडलों ने घटस्थापना की तो अन्य मंडलों सजावट न करते हुये केवल पेंडाल में स्थापना की है. रोशनाई को तवज्जों नही देने के कारण इलेक्ट्रीक दुकानों में सजावटी सामुग्री की विक्री नहीं हुई. जिसका असर व्यापार पर पडा है. मंदिर बंद होने का असर पुजन सामुग्री पर पडा है. दुर्गा मंदिरों में प्रतिवर्ष भक्तों का ताता लगता था. जिससे भक्त बडे पैमाने पर पुजन सामुग्री की खरेदी कर माँ के चरणों में अर्पित करते थे. किंतु मंदिर बंद होने से पुजा सामुग्री की विक्री पर बडा असर हुआ है.

साजावट की सामुग्री नहीं बिकी

प्रतिवर्ष नवरात्रि में सजावट की सामुग्री की बिक्री अच्छी होती थी.श्रद्धालू अपने घर पर घट स्थापना कर आर्कषक रोषनाई करते थे. किंतु कोरोना के कारण सामुग्री की बिक्री पर बडा असर पडा है. पाबंदियों के चलते व्यापरियों ने कम मात्रा में सामुग्री लायी थी. किंतु वह भी नहीं बिकी. यह सिजनेबल व्यवसाय होता है. आज की परिस्थिती में व्यापारियों का बडा नुकसान हुआ है.

– राजकुमार जाजू, कलश कलेक्शन, वर्धा

पुजापाठ बंद होने से भीषण परिस्थिती

लॉकडाऊन के कारण पहले ही हमारी आर्थिक स्थिती बिकट हो चुकी है.ऐसे में नवरात्रि उत्सव से कुछ आशा दी. किंतु सरकार बंद रखकर नवरात्रि के आयोजन पर भी अनेक पाबंदियां लगाने से उसका असर हम पर पडा है. पुजापाठ से ही घर चलता था.किंतु पुजापाठ ही बंद होने से भीषण आर्थिक संकट आया है. मकान का किराया तक दे नही सकते.नवरात्रि में मंडलों की पुजापाठ व होमहवन रहते थे. परंतु कोरोना के कारण वे भी नही के बराबर है.श्रद्धालू डर के मारे पुजापाठ करने से कतरा रहे है.परिवार कैसे चलाना यह गंभीर प्रश्न हमारे सामने है. – देविप्रसाद शुक्ला (माथा महाराज)  

इलेक्ट्रीक सामान की बिक्री पर असर

कोरोना का असर धार्मिक कार्यक्रमों पर पडा है. गणेश उत्सव में भी नागरिकों ने साजसज्जा के साथ रोशनाई से मुंह फेरा था. यही परिस्थिती नवरात्रि में भी कायम है.चायना के माल में नागरिकों को रूची नही है.परिस्थिती को देखते हुये माल की अधिक खरेदी हमने इस वर्ष नही की है.नवरात्रि में इलेक्ट्रीक सामुग्री अधिक बेची जाती थी.किंतु आज परिस्थिती उलटी है.

– मोहन राठी, संचालक गोकुलदास सन्स