- नही थमी रही है परप्रांतिय मजूदरों को उपेक्षा
- कवठा के सामाजिक कार्यकर्ता ने की भोजन व्यवस्था
पुलगांव़ काम की तलाश में पश्चिम बंगाल से मुंबई पहुंचे 6 युवकों को रोजगार लॉकडाउन कारण छिन जाने से उन पर मुसिबत का पहाड टुटा. पास की जमापुंजी खत्म होने के कारण व नया रोजगार नही मिलने से युवक पैदल ही रेल मार्ग से पैदल अपने गाव जाने के लिये निकल पडे. भूख से व्याकुल युवकों को पुलगांव समीप के कवठा निवासी युवकों ने भोजन उपलब्ध कराकर सामाजिक दायत्वि नर्विाहन किया.
लॉकडाऊन के पूर्व कोलकाता छहर् युवक सेंट्रिंग के काम के लिए मुंबई गये थे़ कामबंद होने से उनके पास का पैसा खत्म हो गया़ इसलिए उदरनर्विाह का कोई भी साधन नही होने से वे पैदल ही मुंबई से कोलकत्ता के लिए निकले थे़ कवठा के कुछ युवकों को मजदूर पैदल चलते दिखाई दिए़ उन्होंने आस्था से युवक से पुछताछ कर उनका हाल जाना. 6 युवक भूखें होने की बात सामने आने के उपरांत उनके रहने व खाने की व्यवस्था कर प्रशासन को उनकी समस्या से अवगत कराया. परंतु शाम तक एक भी अधिकारी व कर्मचारी गांव में नही पहुंचा था़ बिहार के ठेकेदार ने उनका रोजगार जाने के बाद उनकी एक से डेढ माह तक रहने व खाने की व्यवस्था की़ परंतु कुछ दिनों पश्चात ठेकेदार वहां से चला गया़ लॉकडाऊन चार के पूर्व उनका काम भी बंद हुआ था़ उनके पास के तीन हजार रूपये थे.
वह भी खत्म हुए़ अब यहां पर रूककर क्या करें? इस दुविधा में छहर् युवकों ने पैदल कोलकाता जाने का नर्णिय लिया़ भूखें, प्यासे व बारिश में भिगते हुए पुलगांव समीप के कवठा गांव तक पहुंचे़ इसी दरमियान रेललाईन सटे खेत में काम कर रहे किसान ने उनका हाल जाना. मजदूरों ने अपनी आपबीती बताई़ बाद में उन्हें रेल्वे स्टेशन पर रोका व जिला प्रशासन को जानकारी दी़ गांव के पुलिस पटेल ज्ञानेश्वर दिवाने ने नाश्तें की व्यवस्था की़ शाम के समय गांव के अजय मारोडकर, स्वप्निल महल्ले, गोपाल पवार, राकेश महल्ले ने युवकों के भोजन की व्यवस्था की़ रात्रि में वे गांव में ही रूके थे़ मंगलवार को सुबह यह युवक नागपुर तक जाएंगे़ वहां पर प्रशासन से गांव पहुंचाने की व्यवस्था करने की आग्रह करेंगे ऐसा गांव के युवकों ने बताया़