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    सेलू. 13 के अंक को भले ही कुछ लोग शुभ नहीं मानते, लेकिन इसी अंक से 13 अप्रैल की चैत्र नवरात्रि व हिंदू नव वर्ष की शुरूआत हुई है. 15 दिनों में लगभग 15 पर्व त्योहार आ रहे है. इनमें हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों के अलावा इस्लाम धर्म का पवित्र रमजान, सिख धर्म का बैसाखी पर्व, जैन धर्म के तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्मकल्याणक उत्सव, सिंधी समाज का भगवान झूलेलाल उत्सव समेत अनेक गुरुओं, महापुरुषों की जयंती भी मनाई जाएगी. हिंदू धर्म के शुरूआती 15 दिनों में पड़ने वाले सभी पर्व, त्योहार कोरोना महामारी के भेंट चढ़ गये हैं.

    कोरोना के कारण ही समाज के लोग अपने परिवार के साथ घर पर ही सादगी के साथ परंपरा, रस्म निभायेंगे और जयंती पर श्रध्दासुमन अर्पित करने की बात कर रहे हैं. साथ ही कोरोना के चलते समाजजनों ने सभी पर्व को सादगी से मनाने का मानस दर्शाया है. चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से देवी आराधना का पर्व शुरू हुआ हैं, जो कि 23 अप्रैल तक चलेगा. मंदिरों में भक्तों का प्रवेश वर्जित है. इसलिए घर पर ही देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप, पूजा पाठ, हवन का सिलसिला चलेगा. झूलेलाल जन्मोत्सव 13 अप्रैल को सिंधी समाज के लोगों ने घर पर ही भगवान झूलेलाल उत्सव मनाया़ गुढ़ी पाड़वा 13 अप्रैल को ही महाराष्ट्रीयन समाज के लोगों ने घर पर ही रहकर गुढ़ी की पूजा की़

    रमजान की नमाज भी घर पर ही

    13 अप्रैल से शुरू हुए हिंदू नववर्ष पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा शोभायात्रा का आयोजन नहीं किया गया. घर पर ही ध्वजारोहण किया गया. आंबेडकर जयंती बौध्द धर्म के धर्मावलंबियों ने भी घर पर ही रहते हुए पूजा अर्चना कर अभिवादन किया. सिख धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक बैसाखी पर्व पर हर वर्ष गुरुद्वाराओं में विशेष अरदास की जाती है जो इस बार नहीं हुई. रमजान का रोजा इस्लाम धर्म के रमजान की विशेष नमाज भी घर पर ही अदा की जायेगी. मस्जिदों में प्रवेश प्रतिबंधित है. रोजा रखने वाले अपने घर पर ही सेहरी और इफ्तार करेंगे. सामूहिक दावतें नहीं होगी.

    रामनवमी और हनुमान जयंती भी सादगी से

    गणगौर पर्व जो कि, सुहासिनी और कुमारियों द्वारा घर पर ही गणगौर पूजा की जाएगी. इस बार शोभायात्रा न निकालते हुए सादगी से ही घर घर में गणगौर को पानी पिलाने की रस्म निभायी गयी. रामनवमी को अधिकांश मंदिरों में महज पूजा की परंपरा निभाई जायेगी. शोभायात्रा, भंडारे का आयोजन नही किया जायेगा. महावीर जयंती यह त्योहार भी जैन समाज के लोगों के लिए विशेष महत्वपूर्ण समजा जाता है. परंतु इस वर्ष यह भी सादगी से ही मनाई जायेगी. हनुमान जयंती पर हनुमान मंदिरों में, अखाड़ों में भी इस वर्ष प्रतिमा पर मंदिर के पुजारी द्वारा सिंदूर की खोल का सिर्फ श्रृंगार किया जायेगा, लेकिन महाभंडारा नहीं होगा.

    सभी धार्मिक आयोजनों पर रोक

    कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण के कारण तथा राज्य में फिर से लगे लाकडाउन की वजह से आयोजनों पर रोक लगा दी गयी है. इस दौरान धार्मिक स्थल, पर्यटन स्थल, सांस्कृतिक स्थल बंद रखने के आदेश होने से सभी धर्म और समाज के लोगों को घर पर ही रहकर परिवार के साथ सादगी से त्योहार मनाना है.