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  • संक्रमण तेजी से फैलने के बाद भी नही है गंभीरता, प्रशासन सुस्त, कार्रवाई के नाम पर हो रहा दिखावा

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वर्धा. जिले में कोरोना का संक्रमण तेज गति से बढ रहा है. कोरोना से बचने के लिए एकमात्र उपाय है कि, नियमों का पालन हो. जिसमें मास्क लगाना, सैनिटराईजेशन, सोशल डिस्टंस काफी महत्वपूर्ण है. लेकिन शहर की जनता बेखौफ नियमों का उल्लंघन कर रही है. शहर के चौक-चौराहे, यहां तक की मुख्य मार्ग से लोग बेखौफ बगैर मास्क के घुम रहे है. वही दूसरी ओर प्रशासन मास्क न लगानेवालों पर कार्रवाई का दावा तो कर रही है, लेकिन बगैर मास्क बेखौफ घुमती जनता को देखकर प्रशासन की कार्रवाई मात्र दिखावा होने की बात स्पष्ट कर रही है.

जिले में गत दो माह से कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी बढी है. सितम्बर माह में तो कोरोना का उद्रेक ही हुआ है. संक्रमितों के साथ बाधितों के मरनेवालों का आंकडा भी शतक के करीब है. सरकार से लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने शुरुआत से ही कोरोना से बचने मास्क लगाना अनिवार्य किया है. लेकिन इस ओर जनता साफ अनदेखी कर रही है. कोरोना का उद्रेक होने के बाद भी जनता बेखौफ व बेफिक्र होकर बगैर मास्क सडकों पर घुम रही है.

जिससे कोरोना का संक्रमण बढने की संख्या अधिक है. अपने साथ-साथ दूसरों की जान भी खतरे में पड सकती है, इसका अहसास व गंभीरता किसी में नही है. शहर के मुख्य मार्ग पर गुरुवार को अनेक लोग बगैर मास्क लगाए दुपहिया पर डबल सीट घुमते हुए दिखाई दिये. कुछ लोग मात्र कार्रवाई से बचने के इरादे से मुंह से माह गले में लटकाकर दिखायी दिये. गत दो दिनों पूर्व ही प्रशासन ने विशेष मुहिम चलाकर मास्क न लगानेवाले लोगों पर कार्रवाई की. लेकिन इसके बावजूद भी लोगों में गंभीरता नही है. अब कोरोना का संक्रमण रोकने व ऐसे लोगों को सबक सिखाने प्रशासन को कडे कदम उठाने की जरुरत है.

मास्क न लगानेवालों की ओर प्रशासन की अनदेखी

आये दिन शहर ओर जिले में कोरोना का संक्रमण बढ रहा है. वर्धा शहर कोरोना का हॉटस्पाट बना हुआ है. लेकिन इसके बावजूद भी लोग मास्क का इस्तेमाल नही करते है. शहर के साथ साथ ग्रामीण विभाग की जनता भी मास्क इस्तेमाल नही करती. सरकार व डब्ल्यूएचओ द्वारा दी गई सावधानियां का पालन नही हो रहा है. इस ओर प्रशासन को सख्ती से काम करने की जरुरत है.

देवीलाल जैस्वाल, नागरिक