- सरकारी गाईडलाइन का उल्लंघन
- बिना मास्क में रहते है कर्मी
- कार्यालय नही किया जाता सैनिटराईजेशन
वर्धा. कोरोना संक्रमण का असर सरकारी व निमसरकारी कार्यालय पर हुआ था. जिससे 10 प्रतिशत कर्मचारियों को काम पर बुलाया गया था. किन्तु अब सरकारी व निमसरकारी कार्यालय का कामकाज फिर शुरू हुआ है. राज्य सरकार ने सुरक्षा की दृष्टि कार्यालय प्रमुखों को निर्देश दिए है, किंतु इन निर्देशों का पालन नही हो रहा है. जिससे सरकारी व निम सरकारी कार्यालयों में कोरोना उपाययोजना की धज्जीयां उडती दिखाई दे रही है.
सरकारी कार्यालयों में मात्र 5 फीसदी कर्मियों की शर्त पर कामकाज जारी था तो वही निम सरकारी कार्यालय बंद थे. परंतु अब इसमें कुछ रियायत देकर कार्यालय शुरु किए गए है. जिसमें नियमों का पालन करना अनिवार्य है. लेकिन वास्तविक रुप में कई कार्यालयों में हाथ धोने की भी व्यवस्था नही है. कार्यालय भी नियम के अनुसार सैनिटाइजर नही किया जा रहा है. कार्यालय में आनेवाले काम के लिये आनेवाले व्यक्ति की सम्पूर्ण हिस्ट्री रखने के आदेश है, किंतु अधिकांश कार्यालय में यह जानकारी नही रखी जा रही.
तीन लेयर वाले मास्क का उपयोग नही हो रहा. अधिकांश कर्मी कार्यालय में बिना मास्क के नजर आते है. बीमार होने पर कर्मी को कार्यालय में नही बुलाने के आदेश है, फिर भी अनेक कर्मी इस नियम को नजर अंदाज कर रहे है. प्रत्येक कर्मी की कार्यालय में आने के पूर्व गेट पर जांच करना अनिवार्य है. अपितु कर्मी की जांच ही नही की जा रही है. जिससे कोरोना का संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है. लेकिन इसके बावजूद भी इस ओर किसी का ध्यान नही है. सरकारी व निम सरकारी कार्यालयों में खुलेआम सोशल डिस्टंनिंग, मास्क न लगाना, सैनिटराईजेशन न करने सहित अनेक नियमों का उल्लंघन हो रहा है. अगर इससे कोरोना का संक्रमण बढता है तो, उसके लिए जिम्मेदार कौण? इस ओर प्रशासन को ध्यान देने की जरुरत व्यक्त की जा रही है.