Kharab Fal, Fruits

    Loading

    वर्धा. पाबंदियों के बावजूद भी लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के कारण आज से 13 मई तक सख्त लाकडाउन का निर्णय प्रशासन ने लिया है़ इस दौरान अत्यावश्यक सुविधा जैसे किराना, सब्जी एवं फलों के लिए होम डिलेवरी शुरू रखी है़ एक बार किराना की होम डिलेवरी ठिक है, लेकिन ज्यादातर सब्जी एवं फलों की बिक्री हाकर्स द्वारा फुटपाथ तथा हाथगाड़ी पर ही की जाती है, जिससे व्यवस्था के अभाव में उनके द्वारा होम डिलेवरी करना संभव नहीं है.

    परिणामवश सब्जी एवं फलों का भारी नुकसान होने के कारण किसान एवं व्यापारियों को संकट का सामना करना पड़ रहा है़ एक ओर कोरोना को हराने के लिए चिकित्सकों द्वारा अपनी इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां एवं फलों का सेवन करने की सलाह दी जा रही है़ घरों में क्वारंटाइन के साथ ही अस्पताल में इलाज ले रहे मरीजों को फलों का सेवन जरूरी है़ वहीं प्रशासन के निर्णय के बाद अगले 5 दिन फल और सब्जी की बिक्री करना कठिन हो गया है.

    किसानों का होगा भारी नुकसान

    प्रतिदिन वर्धा कृषि उत्पन्न बाजार समिति के अंतर्गत स्थानीय किसानों का 5 से 6 लाख तथा बाहर के किसानों का 3 से 4 लाख रुपए की सब्जियों की आवक होती है़, जिसका प्रतिदिन टर्नओवर 10 से 12 लाख बताया जाता है़ 5 दिन के लिए लाकडाउन दौरान होम डिलेवरी संभव नहीं मानी जा रही, जिससे किसानों का भारी नुकसान हुआ है़

    फलों में आ रही खराबी

    शहर में ठोक फल विक्रेता स्थानीय तथा बाहरगांव से पपीता, आम, सेब, केला आदि विभिन्न फल लाते है़ लाया हुआ माल पकाने के लिए रखा जाता है़ फलों का उनका नियोजन 5 से 6 दिन तक का रहता है़ उनसे फेरी वाले तथा फुटपाथ पर फलों की बिक्री करने वाले माल खरीदकर नागरिकों तक पहुंचाते है़ लेकिन प्रशासन ने लाकडाउन का निर्णय अचानक लेने का आरोप किया जा रहा है़ नियोजन गड़बड़ा जाने से स्थानीय फ्रूट बाजार में करीब 1 करोड़ 25 लाख का नुकसान होने का अनुमान है.

    होम डिलेवरी संभव नहीं

    किसान हमेशा ही प्रशासन को सहयोग करते आए है़ लेकिन बार-बार अनाप-शनाप निर्णय लेकर प्रशासन उन्हें प्रताड़ित कर रहा है़ आदेश निकालने के बाद समय तो देना चाहिए़ अब सब्जियों की होम डिलेवरी कैसे संभव होगी.

    -बाला माऊस्कर, किसान सब्जी उत्पादक संघ-वर्धा

    नियोजन के लिए दें समय

    फल लाने से लेकर पकाकर ग्राहकों के लिए उपलब्ध करना यह लंबी प्रोसेस है़ इसके लिए 5 से 6 दिन का नियोजन रहता है़ होम डिलेवरी संभव नहीं है़ अचानक लिए गए प्रशासन के निर्णय से मांग नहीं होने के कारण फल सस्ते दाम में बेचने पड़े है़ इतना ही नहीं तो पपीता, केले आदि फल फेंकने पड़े है़ प्रशासन को नियोजन के लिए समय देना चाहिए.

    -इरशाद पठान, थोक फ्रूट विक्रेता.

    आदेश निकाला तो मुआवजा भी दें

    मेरे खेत में भिंडी एवं टमाटर की फसल है़ पिछले 1 साल से लगातार नुकसान हो रहा है़ प्रशासन ने अनाप-शनाप आदेश निकालकर किसानों को प्रताड़ित करना बंद करना चाहिए़ ऐसा ही चला तो खेत में सब्जी लगाना बंद करना पड़ेगा़ अब आदेश निकाला तो नुकसान का सर्वेक्षण कर मुआवजा भी हमें देना चाहिए.

    -सुनील गावंडे, किसान.