MP Ramdas Tadas
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  • 4 वर्षों में सरकार के पास करोड़ों जमा
  • जिनिंग संगठन ने विरोध में खोला मोर्चा

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वर्धा. कपास खरीदी करने वाले व्यापारियों के लिये रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) टैक्स मुसीबत बन गया है. टैक्स को लेकर बीते चार वर्ष से व्यापारी केंद्र सरकार के पास न्याय की गुहार लगा रहे हैं. उक्त कार्यकाल में टैक्स के रूप में सरकार ने कपास व्यापारियों से हजारों करोड़ रुपए वसूल किये है. किंतु यह राशि लौटाने के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं होने से व्यापारी निरंतर संघर्ष कर रहे हैं. सांसद रामदास तड़स ने मसले को गंभीरता से लेकर संसद में प्रश्न उपस्थित किया है. केंद्र सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST)  टैक्स सन 2017-2018 लागू किया है.

इस टैक्स के अंतर्गत कपास की खरीदारी करने वाले व्यापारी व जिनिंग संचालकों पर सरकार ने रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म टैक्स अलग से लगाया है. कपास खरीदी के उपरांत होने वाली राशि पर 5 प्रश टैक्स व्यापारियों को जमा करना होता है. यह टैक्स प्रतिमाह जमा किया जाता है, किंतु टैक्स के रिटर्न के संदर्भ में अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. जिनिंग संचालक किसानों से कपास खरीदने के उपरांत उस पर प्रोसेसिंग कर रूई तथा सरकी अलग निकालते है. रूई की गांठे बनाई जाती है. सरकी से तेल निकाला जाता है, या फिर सरकी को बेचा जाता है.

केवल कपास पर लगाया गया टैक्स

केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र से निर्मित केवल कपास पर ही यह टैक्स लगाया है. अन्य किसी भी उत्पादन पर यह टैक्स नहीं लगाया गया है, जिससे व्यापारियों ने इस पर आपत्ति भी दर्शाकर आरसीएम टैक्स वापस लेने की मांग की थी. परंतु अभी तक सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है.  

व्यापारियों का संघर्ष बरकरार

सरकार आरसीएम टैक्स वसूल करती है. बावजूद इसके उसे लौटाने के संदर्भ कोई प्रावधान नहीं होने से जिनिंग संचालक व कपास खरीदार व्यापारियों ने इसका विरोध कर केंद्रीय वित्त मंत्रालय से निरंतर पत्राचार किया, लेकिन वित्त मंत्रालय की ओर से किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. 

व्यापारियों ने दिये यह सुझाव

आरसीएम टैक्स लागू होने के कारण व्यापारियों ने सरकार को सुझाव दिये थे. इसमें टैक्स रद्द किया जाये अथवा पहले महीने में लिया हुआ टैक्स दूसरे माह में लौटाया जाये. यह संभव नहीं होने पर आर्थिक वर्ष का आडिट होने पर लौटाया जाये. परंतु इस संदर्भ में कोई निर्णय सरकार ने नहीं लिया, जिससे देश के व्यापारियों के हजारों करोड़ रुपए सरकार के पास पड़े है.

व्यापारियों ने दी सांसद को जानकारी

आरसीएम टैक्स व्यापारियों पर अन्यायकारी होने की जानकारी जिले के कपास खरीदार व्यापारियों ने सांसद तड़स को दी. देश भर में व्यापारियों के हजारों करोड़ रुपए सरकार के पास जमा है. चार वर्ष से यह राशि लौटाने के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं होने व्यापारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता था. व्यापारियों की समस्या से सुनने के उपरांत सांसद ने संसद में यह मामला उठाया है. अगले सप्ताह इस मुद्दे को लेकर संसद में चर्चा होगी. 

राशि देने के संदर्भ में प्रावधान नहीं

केंद्र सरकार ने आरसीएम टैक्स लगाया है. किंतु टैक्स व्यापारियों को लौटाने के संदर्भ कोई प्रावधान नहीं  है. यह टैक्स अन्याय करने वाला है. टैक्स के माध्यम से स्वयं का 40 लाख रुपए सरकार के पास बकाया है. पूरे देश के व्यापारियों के हजारों करोड़ रुपए बकाया है. कोई जिनिंग संचालक व्यवसाय बंद करता है तो उसे राशि कब मिलेगी, इसका प्रावधान कानून में नहीं है. एक और व्यापारी कर्ज लेकर व्यवसाय खड़ा करता है. कर्ज पर लाखों रुपए का ब्याज दिया जाता है. दूसरी ओर व्यापारियों के पैसे सरकार के पास जमा है, यह कहां का न्याय है.

-हरीश हांडे, संचालक-जिनिंग.  

रखेंगे व्यापारियों का पक्ष

कपास खरीदार व्यापारियों का प्रश्न महत्वपूर्ण है. उनकी समस्या के संदर्भ में संसद में प्रश्नकाल के दौरान मामला उठाया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण प्रश्न को लेकर संसद में मंगलवार को संसद में जवाब देंगी. व्यापारियों को उनके हक की राशि मिलनी चाहिए. इसके लिये प्रयास किया जायेगा.

-रामदास तडस, सांसद.