नाराजगी : भाजपा पार्षदों ने खोला शिकायतों का पिटारा

  • मातोश्री में हुई बैठक, नगराध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर जताई आपत्ती

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वर्धा. आर्वी में पार्षदों का विद्रोह व अगामी नप चुनाव के मद्देनजर भाजपा पार्षदों की नाराजगी दूर करने में जुटी है. गुरूवार को वर्धा के मातोश्री सभागृह में हुई बैठक में पार्षदों ने नगराध्यक्ष की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायतों का पिटारा खोल दिया. एक के बाद एक शिकायत आने से वरिष्ठ नेता भी औचक कर रह गये.

हालहि में आर्वी में भाजपा के पार्षदों ने नगराध्यक्ष की कार्यप्रणाली को लेकर विद्रोह किया था. ऐसा ही एक विद्रोह सिंदी रेलवे में भी हुआ था. दो जगह पार्षद व नगराध्यक्ष के बिच विवाद चलने के कारण पार्टी हाइकमांड भी सकते में आ गया था. आर्वी का विवाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व केंद्रिय मंत्री नितीन गडकरी के पास तक पहुंच चुका था. तत्पश्चात पार्टी ने पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को भेजकर मध्यस्था करने की सुचना दी थी.

आर्वी व सिंदी के बाद वर्धा में भी नगराध्यक्ष अतुल तराले के कार्यप्रणाली के प्रति बिते तीन वर्ष से पार्षद नाराज होने की जानकारी पार्टी के वरिष्ठों को मिली थी. इसके पुर्व भी तराले के विरूद्ध पार्षद यह मामला हाइकमांड तक पहुंचा था. लेकीन भाजपा के एक गुट की छत्र छाया होने के कारण इस संदर्भ में कोई कार्रवाई नहीं हुई.

विधानसभा चुनाव के उपरांत यह विवाद पुन: उभरकर आया. अगले वर्ष नगर परिषद के चुनाव होनेवाले है. साथ ही राज्य की सत्ता चले जाने से पहले उसका असर देखने को मिल रहा है.

ऐसे में पार्षदों की नाराजगी मंहगी पड सकती है. यह बात पार्टी के ध्यान में आने के उपरांत गुरूवार को मातोश्री सभागृह में बैठक बुलाई गई. बैठक को प्रदेश संगठन मंत्री डा. उपेंद्र कोठेकर, सांसद रामदास तडस, विधायक रामदास आंबटकर, डा.पंकज भोयर, जिलाध्यक्ष डा. शिरीष गोडे, अविनाश देव आदि उपस्थित थे. प्रथम चरण में खुली चर्चा ली गई. जिसमें अनेकों ने नगराध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाये. किंतु खुली चर्चा होने से आक्रमकता कम रही. जिससे वरिष्ठों ने बंद कमरे में एक एक पार्षद को बुलाकर चर्चा की.

इस दौरान अधिकांश पार्षदों ने नगराध्यक्ष के प्रति गुटबाजी एवं एकला चलो रे की राजनिती को लेकर नाराजगी प्रगट कर विरोध करने पर औझी राजनिती करने का आरोप नगराध्यक्ष पर लगाया. पार्षदों ने बताया कि हम मानसन्मान के भुके है. किंतु चार वर्षां में मानसन्मान तो दुर हमें अछुता समझा गया.

पार्षदों के संयम का बांध इस दौरान तुटा. कुछ पार्षदों ने वरिष्ठों को भी खरी खोटी सुना दी. अंत में नगराध्यक्ष व उपाध्यक्ष से अलग अलग चर्चा की गई. पार्षदों की नाराजगी के चलते अब ऐसा नहीं होगा हम ख्याल देंगे, ऐसा आश्वासन दिया गया. परंतु इससे पार्षद संतुष्ट नहीं हुये.वरिष्ठ नेताओं ने नगराध्यक्ष की खिंचाई कर इसके बाद सबसे सहयोग करने की हिदायत देने की जानकारी है.

चिंता का विषय नहीं

संगठनात्मक पुर्नगठन के लिए बैठक का आयोजन किया गया था़ कुछ हद तक पार्षदो की नाराजगी थी़ किन्तु चिंता विषय नहीं है़ विकास के कार्य जल्द ही निपटाने के निर्देश नगराध्यक्ष को दिए है़ 

-डा. शिरीष गोडे, जिलाध्यक्ष, भाजपा-वर्धा.