डीपीसी निधि: विधायकों की चुप्पी

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वर्धा. जिला नियोजन समिति के निधि में राज्य सरकार ने भारी कटौती करने के उपरांत भी जिले के सभी विधायक चुप्पी साधकर बैठे है. जिससे विकास कार्यो के प्रति उनकी उदासिनता साफ झलक रही है. परिणामस्वरूप ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के विकास की अनेक योजना अधर में लटकनेवाली है.

राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के बाद कोरोना के आगमन से जिले के विकास को ब्रेक लग गया है. आर्थिक वर्ष 2019-2020 में जिला नियोजन समिति के 247.25 करोड रूपये के बजेट को मंजुरी मिली थी. राज्य सरकार की ओर से मार्च माह तक 247.20 करोड रूपये प्राप्त हुये. किंतु 31 मार्च तक 236.56 करोड रूपये खर्च हुये. करीब 10.64 करोड रूपये खर्च ही नही हुये. मार्च माह के अंतिम सप्ताह में लॉकडाऊन घोषित होने के कारण अनेक मंजूर काम रोके गये थे. जिससे राशि शेष बचने की जानकारी है. नया आर्थिक वर्ष शुरू होकर 6 माह से अधिक का अवधि हो चुका है. कोरोना का कारण बताकर सरकार ने अनेक योजनायों को ब्रेक लगाया है.

अबतक केवल 72.24 करोड रूपये जिला नियोजन समिति को मिले है. वास्तविकता में अबतक करीब आधी निधि जिले को मिलनी चाहिए थी, परंतु ऐसा नही हुआ है. जिले में भाजपा के चार तथा कॉंग्रेस का एक विधायक है. किंतु यह विधायक स्वंय चुप्पी साधकर बैठे है. विधायक निधि में से कुछ विधायकों ने अपना फंड कोरोना संक्रमन के कार्य हेतू दिया है. जिससे विकास कार्य का निधि अन्य जगह जाने से काम प्रभावित होगा. सेवाग्राम विकास प्रारूप समेत अनेक योजनायों के काम निधि के अभाव में रूकने वाले है.

नही उठाई आवाज

जिला नियोजन समिति को कम राशि प्राप्त होने के कारण विधायकों ने इस संदर्भ में आवाज उठानी चाहिए थी. लेकीन एक भी विधायक ने राज्य सरकार को पत्र देकर जिले के विकास लिये निधि की मांग नही की है. कोरोना का कारण बताकर विधायक मुंबई जाने के लिये कतरा रहे है. किंतु कोरोना के पूर्व ऐसा नही होता था. सप्ताह में 3-4 दिन विधायक मुंबई डेरा जमा कर बैठते थे. निधि पर कैची चलायें जाने के कारण उसका सिधा असर जिले के विकास योजनायों पर होने वाला है.

विधायकों की इस चुप्पी के कारण महात्मा गांधी के जयंती अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों के हेतू पुर्व संध्या पर 5 करोड का निधि प्राप्त हुआ था. जिससे नियोजन नही होने के कारण यह निधि कहां खर्च करे, ऐसा प्रश्न प्रशासन के सामने निर्माण हुआ था. सभी विधायकों ने राजनीतिक मनमुटाव छोडकर जिले के विकास के लिये एकमंच पर आकर निधि लाने के प्रयास करने होंगे. तभी जिले के विकास की रफ्तार कायम रहेगी.