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  • पालकों से की जाती थी सख्ती, कमिशन बेस पर होता था काम, स्कूल, कॉन्वेंट बेचते थे किताबे, अविभावकों लुट, जिप शिक्षा विभाग ने ली एक्शन

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वर्धा. प्रतिवर्ष स्कूल तथा कॉन्वेंट पालकों को जबरन शैक्षणिक सामग्री निर्धारित दुकान अथवा संस्था ने खरिदने के बाध्य करते थे. इस संदर्भ पालकों व संगठनों की शिकायते मिलने के बाद सरकारने दिशा निर्देश जारी किये थे.जिसके अनुसार जिला परिषद के शिक्षा विभाग ने एक्शन ली है. अब किसी भी पालक व छात्रों को निर्धारित दुकान से सामग्री खरिदने के सख्ती न करे नही तो एक्शन लिया जायेगा, ऐसी चेतावनी जिप शिक्षा विभाग ने दी है.

स्कूल, कॉन्वेंट में प्रवेश लेने के बाद व्यवस्थापन व्दारा पालकों को संस्था से अथवा उन्होंने निर्धारित किये दुकानों से ड्रेस,किताबे व अन्य शैक्षणिक सामग्री खरेदी करने के लिये सख्ती कि जाती है. जिससे पालकों का आर्थिक शोषण होता है. कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल, कॉन्वेंट शुरू नही हुये.किंतु कुछ संस्थाओं ने किताबे तथा ड्रेस की सख्ती कर उसे बेचना आरंभ किया था. इस बाबद पालक बालक मंचने शिक्षणाधिकारी की और शिकायत की थी. तत्पश्चात शिक्षणाधिकारी (माध्य.) उल्हास नरड ने इस संदर्भ में पत्र निकाला है.पत्र में शिक्षा विभाग ने कहां है की, ड्रेस, किताबे व शैक्षणिक सामग्री के लिये सख्ती नही कि जाये. स्कूल व कॉन्वेंट का कामकाज आसान करने के लिये संस्था चालक,पालक,छात्र व शिक्षकों में समन्वय निर्माण किया जाये.शैक्षणिक सामग्री व अन्य महत्वपुर्ण निर्णय सर्वसाधारण सभा में सभी राय लेकर लिये जाये. आदेश का उल्लंघन करने पर व्यवस्थापन पर आरटीई एक्ट 2009 के तहत कारवाई की जायेगी, ऐसी चेतावनी दी गई है.