- सरकार की भूमिका को लेकर सवाल
वर्धा. एक तरफ कोरोना मरीजों में वृद्धि हो रही है तो दूसरी तरफ किसान आंदोलन 70वें दिन भी जारी रहा. सरकार ने सार्वजनिक कार्यक्रमों के साथ ही आंदोलन पर भी पाबंदी लगाई है. जिसके बावजूद लगातार 70वें दिन भी केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ स्थानीय बजाज चौक में किसानों का आंदोलन जारी है. इस दौरान कोरोना को लेकर सरकार की भूमिका पर किसानों ने सवाल खड़े किए है.
आंदोलन स्थल पर कोरोना महामारी पर किसानों का चर्चासत्र हुआ. जिसमें विभिन्न सवाल उपस्थित किए गए हैं. भारत में कोरोना मृत्यु दर अगर एक प्रतिशन से कम है तो कोरोना महामारी किस आधार पर घोषित की गई़ भीड़ टालने के लिये समय बढ़ाने की जरूरत है.
समय कम करने से निश्चित ही भीड़ बढ़ेगी. शादी समारोह में उपस्थिति पर निर्बंध लगाने से अच्छा उसमें शामिल होने के लिये आरटीसीपीआर टेस्ट प्रमाणपत्र सख्त किया जाए, मास्क, सैनिटाइजर, दो गज दूरी, सामाजिक स्वच्छता यह नियम व्यवस्थित रूप से पालन करें, यह उपाययोजना करने के बजाए प्रशासन द्वारा अनावश्यक जमावबंदी, संचारबंदी, समय पर पाबंदी, कार्यक्रमों की अनुमति रद्द करना, जुर्माने के कारण अनावश्यक डर निर्माण हो रहा है. जिससे बीमारी पर नियंत्रण नहीं तो नया संकट निर्माण हो रहा है, ऐसे सवाल उपस्थित किये गये.
आंदोलन में अविनाश काकड़े, सुरेश बोरकर, सुरेश गोसावी, संजय जवादे, संजय भगत, सितम मंद्रेले, मधुकर भोयर, प्रमोद नगराले, सुरेश गोसावी, सुदाम पवार, प्रभाकर चोंदे, किरण राऊत, सुरेश वैद्य, समीर बोरकर, योगेश घोगरे आदी किसान उपस्थित थे.