निजी कपास खरीदी में किसानों की लूट

  • विदर्भ राज्य आघाडी ने की कार्रवाई की मांग

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हिंगनघाट. हिंगनघाट-समुद्रपुर तहसील में किसान पहले ही प्राकृतिक आपदा के चलते संकट में है. उन्हे विविध समस्याओं का सामना करना पड रहा है. ऐसी स्थिति में निजी व्यापारी कपास खरीदी में किसानों की लूट कर रहे है. किसानों की होनेवाली लूट पर अंकुश लगाकर कार्रवाई करने की मांग विदर्भ राज्य आघाडी ने अनिल जवादे के नेतृत्व में की. इस संबंध में उपविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

प्राकृतिक आपदा से किसानों का काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में बैंक का फसल कर्ज, साहूकार के पैसे, मजदूरी के पैसे सहित अनेक समस्याओं का किसान सामना कर रहे है. कोरोना के चलते सब्जी फसल किसान बाजार में नही ला सके. जिससे आय नही हुई. खरीफ मौसम की नगद फसल कपास भी लौटती बारिश से खराब हुई. परंतु आर्थिक परिस्थिति का सामना करने, जो फसल हाथ आयी उसे बेचने के लिए मजबुर हो गए है. अबतक सीसीआई की कपास खरीदी शुरु नही हुई.

ऐसी स्थिति में किसान निजी खरीदी केन्द्र पर कपास बेचने के लिए जा रहे है. परंतु वहा उनकी बेखौफ लूट की जा रही है. इस वर्ष कपास को 5825 रुपए गारंटी मूल्य घोषित किया गया है. लेकिन अल्प दर में कपास खरीदा जा रहा है. किसानों की निजी व्यापारियों द्वारा हो रही लूट रोके तथा सीसीआई की कपास खरीदी शुरु करने की मांग विदर्भ राज्य आघाडी ने उपविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर की है. ज्ञापन सौंपते वक्त दिनेश वाघ, महेश माकडे, जयंत धोटे, अजय मुले व कार्यकर्ता उपस्थित थे.