Lockdown
Representational Pic

    Loading

    वर्धा. कोरोना की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे कम हो रही है़ वहीं राज्य सरकार ने फिर 15 दिनों के लिए लाकडाउन बढ़ा दिया है़ जिले की परिस्थिति के मद्देनजर व्यवसाय में रियायत देने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को दी है़ अब कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करेंगे, लेकिन व्यवसाय में रियायत देने की मांग व्यवसायियों ने की है़ वहीं आम जनता भी अब पूर्णत: लाकडाउन के मूड में नहीं है.

    कृषि संबंधित दूकानों की अवधि बढ़ाएं

    प्रशासन ने नए निर्देशों में कृषि दूकान व कृषि से जुड़ी सेवा के लिए अधिक समय देना आवश्यक था़  इस सप्ताह बुआई का कार्य आरंभ होगा़  सुबह 7 से 1 बजे तक समय देने के कारण किसानों के सामने अनेक समस्या निर्माण होगी़  बैंक से पैसे निकाल कर खाद, बीज की खरीदारी उसी दिन कर नहीं पाएंगे़ प्रशासन दूकानों का समय सुबह 9 से शाम 4 बजे तक करना चाहिए़ 

    -दादाराव केचे, विधायक-आर्वी.

    किसानों के लिए रियायत बढ़ाएं

    फिलहाल किसानों का महत्वपूर्ण खेती का मौसम आरंभ होने वाला है़  इसके लिए किसानों को कर्ज के लिए बैंक जाना पड़ता है़  साथ ही उनके द्वारा खाद, बीज तथा अन्य खेती उपयोगी सामग्री जुटाई जा रही है़  किसानों के लिए रियायत बढ़ानी चाहिए, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े.

    -बाला माऊस्कर, अध्यक्ष-सब्जी उत्पादक किसान संघ.

    लाकडाउन विकल्प नहीं है

    कोरोना से निपटने के लिए अब लाकडाउन यह विकल्प नहीं है़  छोटे व्यवसायी आर्थिक संकट में फंस रहे है़ं  अब सरकार ने वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने की जरूरत है़  कोरोना नियमों का पालन हो इस ओर प्रशासन ने ध्यान देने की जरूरत है़ 

    -अशोक कलोडे,पदाधिकारी-भाजपा.

    व्यवसायियों को मिलेगी राहत

    अब हमें कोरोना नियमों का पालन करने की जरूरत है़  अन्यथा फिर से कोरोना का फैलाव होकर पूर्णत: लाकडाउन लगाने की नौबत आएगी़  प्रशासन ने दूकानें शुरू करने को लेकर रियायत दी है, जिससे आर्थिक संकट में फंसे हुए व्यवसायियों को राहत मिलेगी़  

    -विजय मोहता, व्यवसायी.

    नियमों का किया जाये पालन

    कोरोना की दूसरी लहर का हम अभी भी सामना कर रहे है़ं  कोरोना का खतरा देखते हुए प्रशासन ने व्यवसाय को छूट दी है़, जिससे व्यवसायियों को बड़ी राहत मिलेगी़  सभी ने मास्क के साथ ही कोरोना नियमों का पालन कर प्रशासन को सहयोग करने की जरूरत है़  

    -शालीग्राम टिबडेवाल, पदाधिकारी-व्यापारी एसोसिएशन