Vijay Rathi

  • प्रधानमंत्री तथा वित्तमंत्री से ज्ञापन द्वारा की मांग

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वर्धा. देश के करोडों वरिष्ठ नागरिक, राज्य सरकार के पेंशनभोगी तथा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत करोंडों श्रमिकों की समस्याओं का गहराई से अध्ययन कर समाधान के सुझावों के साथ एक ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री को पेश करने की बात सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगियों तथा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के वेतनमान के जानकार, सामाजिक कार्यकर्ता प्रा. विजय राठी द्वारा की गई है.

प्रा. राठी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सातवे वेतनमान के बकाया राशि का भूगतान 54 लाख कर्मचारी एवं 65 लाख पेंशनभोगियों को एकमुश्त जुलाई 2016 के वेतन के साथ किया गया. लेकिन राज्य के कुल 25 लाख सरकारी कर्मचारी तथा पेंशनभोगि अब तक बकाया राशि की भूगतान से वंचित है. केंद्र सरकार राज्य सरकार को विशेष अनुदान प्रदान कर राज्य कर्मियों को एकमुश्त भूगतान करने का सुझाव प्रा. राठी द्वारा किया गया.

राज्य सरकार द्वारा कर्मियों तथा पेंशनभोगियों को दिया जानेवाला महंगाई भत्ता जुलाई 2019 से फ्रीज किया गया है. अत: जुलाई 2019 से जनवरी 2021 तक महंगाई भत्ता तुरंत प्रदान कर बढते हुए महंगाई से कुछ राहत दिलाने की मांग प्रा. राठी ने की है.

वरिष्ठ नागरिकों को सरकारी बचत योजनाओं पर मिलनेवाला ब्याज जीने के लिए एक सहारा होता है. किंतू इकोनॉमी को रफ्तार देने हेतू कर्ज सस्ते हुए है. इसके साथ ही बैंक की एफ.डी. और अन्य बचत योजनाओं जैसे पीपीएफ, एनएससी, सुकन्या समृद्धि पर भी ब्याज की दरें कम हुई है. अत: वरिष्ठ नागरिकों को बैंक में जमा राशि पर ब्याज 0.5 से बढाकर 2 प्रतिशत करने का सुझाव भी प्रा. राठी ने सरकार को दिया है.

निवृत्तमान कर्मचारी के मुल पेंशन से 40 प्रतिशत राशि की कटौती कम्युटेशन अंतर्गत की जाती है. सेवानिवृत्ति के 15 वर्षो बाद कटौती की राशि मूल पेंशन में जोड दी जाती है. यह समय सीमा घटाकर 10वर्ष करने की मांग भी प्रा. राठी द्वारा की गई है.

प्रा. राठी ने ज्ञापन द्वारा केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार देश के प्रत्येक नागरिक को नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधा कार्ड जारी करें और ऐसी सुचारू व्यवस्था करें की यह कार्ड पेश करने पर मरिज की निजी अथवा सरकारी अस्पतालों में उचित इलाज प्राप्त हो सके.

प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक तथा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत प्रत्येक व्यक्ति को चाहे पुरूष हो अथवा महिला को 15 हजार रूपये प्रतिमाह सम्मान निधी पेंशन के रूप में आजीवन सरकार द्वारा दिए जाने की मांग प्रा. राठी ने की है.